गोरखपुर (ब्‍यूरो)। Coronavirus in Gorakhpur: कोरोना के बढ़ते केसेज के बीच डेली 1400-1500 सैंपल्स की जांच हो रही है। लेकिन कोरोना पेशेंट्स को मुकम्मल इलाज देने के हेल्थ डिपार्टमेंट के दावे दम तोड़ते जा रह हैं। रेलवे हॉस्पिटल, वीर बहादुर सिंह स्पो‌र्ट्स कॉलेज को एल-1 हॉस्पिटल बनाया गया है। जहां स्थिति ये है कि बेड फुल होते जा रहे हैं। मरीज के डिस्चार्ज होने पर ही नए मरीज को एडमिट किया जा रहा है। चूंकि एसिम्टोमैटिक मरीज ज्यादा निकल रहे हैं। ऐसे में एल-1 हॉस्पिटल में इन्हें एडमिट करना भी हेल्थ डिपार्टमेंट और जिला प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गया है। वहीं एल-2 मरीज यानी सिम्टौमैटिक के साथ-साथ कोई और भी बीमारी हो, को एडमिट करने के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज है लेकिन वो भी फुल चल रहा है। हालांकि 100 बेड के अब टीबी अस्पताल को एल-2 हॉस्पिटल बनाया गया है, लेकिन यहां गंभीर बीमारी से जूझ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को बीआरडी जैसी सुविधा नहीं मिल पा रही है। ऐसे में बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर न सिर्फ गोरखपुर जिले के रेफर मरीजों को लोड है, बल्कि देवरिया, महराजगंज व कुशीनगर के पेशेंट्स को भी थोड़ा भी गंभीर होने पर तुरंत यहां रेफर कर दिया जा रहा है।

सुविधा का दवा, हकीकत हवा-हवाई

हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने 16 जून के करीब दावा किया था कि जुलाई में कोरोना के स्प्रेड होने की कंडीशन में मरीजों के इलाज में कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। तब गोरखपुर में कोरोना के 53 एक्टिव केस थे। हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम ने इसके लिए सिटी से लगाए आसपास एरिया में आईसोलेशन वार्ड, वेंटीलेटर समेत क्वारंटीन सेंटर तक की रिजर्व में व्यवस्था करने की बात कही थी। लेकिन सवाल इस बात का है अब जब एक्टिव कोरोना केसेज का आंकड़ो 539 पहुंच चुका है तो यह सारे उपकरण कहां हैं।

कहां गए रिजर्व में रखे बेड

हेल्थ डिपार्टमेंट का यह भी दावा था कि बढ़ते केसेज को देखते हुए बीआरडी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और रेलवे हॉस्पिटल सहित अन्य अस्पतालों में 629 बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व में रखे गए हैं। बीआरडी में 44 बेड पर वेंटीलेटर की सुविधा है जो आज की तारीख में भरे हैं। इसके अलावा किस हॉस्पिटल में वेंटीलेटर हैं, यह किसी को नहीं पता। जबकि यह दावा था कि जरूरत पड़ी तो 629 और बेड पर कोरोना मरीजों का इलाज किया जा सकता है। इसके लिए सरकारी, गैर सरकारी और अस्थायी अस्पतालों की व्यवस्था की गई है। लोहिया अपार्टमेंट में एक हजार बेड वाले कोविड सेंटर बनाए जाने के दावे भी किए गए थे लेकिन उसका भी कोई अता-पता नहीं है।

दो प्राइवेट हॉस्पिटल्स को मिली है परमिशन

आयुष्मान स्कीम के नोडल प्रभारी डॉ। एनके पांडेय ने बताया था कि गोरखपुर जिले में दो प्राइवेट हॉस्पिटल्स को कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए परमिशन दी गई है। हेल्थ डिपार्टमेंट की देखरेख में मरीजों का इलाज हो सकेगा। लेकिन इसमें से पैनेसिया विवाद में होने के कारण विकल्प के तौर पर दूसरा कोई नर्सिग होम अब तक सामने नहीं आया है। जबकि नोडल प्रभारी डॉ। एनके पांडेय का कहना था कि शाही ग्लोबल हॉस्पिटल और पेनेशिया हॉस्पिटल में 125 बेड हैं। जरूरत पड़ी तो कोरोना मरीजों को इनमें एडमिट किया जाएगा। लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि शाही ग्लोबल हॉस्पिटल में मरीज आने पर उन्हें बीआरडी या रेलवे हॉस्पिटल में रेफर कर दिया जाता है।

लेवल-1 हॉस्पिटल्स की स्थिति

बीआरडी मेडिकल कॉलेज - जगह नहीं है

रेलवे हॉस्पिटल - बेड खाली होने का होता है इंतजार

स्पो‌र्ट्स कॉलेज - कुछ बेड खाली हैं

जिला अस्पताल - कोई भी नहीं है एडमिट

सीएचसी चरगांवा - कोई भी नहीं है एडमिट

कहां कितने बेड का इंतजाम

जिला अस्पताल में 23 बेड ( चार बेड का वेंटीलेटर व 19 बेड का आईसोलेशन वार्ड) - खाली है

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 200 बेड (40 बेड का वेंटीलेटर व 160 बेड का आइसोलेशन) - भरा है

चरगांवा सीएचसी में 30 बेड का कोरोना वार्ड - खाली है

रेलवे हॉस्पिटल में 200 बेड का कोरोना वाडज् - बेड खाली होने का मरीज करते हैं इंतजार

स्पो‌र्ट्स कॉलेज में 150 बेड का कोरोना वार्ड - बेड खाली हैं

रॉयल रेजीडेंसी होटल में 80 रूम हैं जहां 35 कोरोना मरीज रखे गए हैं।

शिवाय होटल में 70 बेड - अभी पूरा खाली है।

एक हजार बेड का लोहिया अपार्टमेंट - खाली है। बेड तैयार हो रहे हैं।

एल-2 हॉस्पिटल की तैयारी

गुरु गोरक्षनाथ चिकित्सालय में 154 बेड (चार बेड वेंटीलेटरयुक्त व 150 सामान्य बेड) - कागजों में है

टीबी अस्पताल में 100 बेड जिसमें चार वेंटीलेटरयुक्त - बेड खाली हैं।

फातिमा अस्पताल 100 बेड का है। इसमें 10 वेंटिलेटर युक्त हैं- खाली है

मूक बधिर विद्यालय में 200 बेड का कोरोना वार्ड - अभी कागजों में है

शाही ग्लोबल अस्पताल व पनेशिया अस्पताल का 125 बेड का करोना वार्ड

कैंपिरयगंज के एक प्राइवेट अस्पताल में 150 बेड का कोरोना वार्ड

वर्जन

कोरोना के केसेज बढ़ रहे हैं। टीबी अस्पताल को एल-2 हॉस्पिटल बना दिया गया है। इसमें चार वेंटीलेटर भी लगाए गए हैं। फातिमा अस्पताल को भी एल-टू बनाया गया है। इसमें 10 वेंटीलेटर हैं। इसके अलावा एक हजार बेड वाला लोहिया अपार्टमेंट तैयार हो गया है। बेड बन रहे हैं।

- डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ