- बीआरडी मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग्स हो चुकी हैं जर्जर

- तीन दिन की बारिश ने खोल दी अव्यवस्था की पोल

- वार्डो की छत से टपक रहा पानी, गलियारों और रैंप्स की भी स्थिति दयनीय

GORAKHPUR: तीन दिन की बारिश ने ही बीआरडी मेडिकल कॉलेज की जर्जर स्थिति की पोल खोल कर रख दी है। हाल ये कि किसी वार्ड की छत टपक रही है तो कहीं का प्लास्टर ही उखड़ने लगा है। वहीं कुछ वार्डो में तो इतनी बुरी स्थिति है कि छतों में लगे पिलर का सरिया तक बाहर दिखाई दे रहा है। बीआरडी की बिल्डिंग्स की बरसात के बाद हो रही दुर्दशा की सूचना पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जाना वहां का हाल।

पानी बन गया सांसत

मेडिकल कॉलेज के नेहरू चिकित्सालय के नेत्र, बर्न वार्ड, गायनी वार्ड समेत अन्य वार्डो की स्थिति लगातार तीन दिन चली बारिश ने खराब कर दी है। बुधवार को यहां पहुंचे दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर को हर वार्ड बारिश की मार से बदहाल मिला। हाल ये कि मरम्मत के अभाव में वार्डो की छत से बारिश का पानी टपक रहा था। जिस कारण दीवारों के प्लास्टर तक उखड़ने लगे हैं। नेत्र विभाग के वार्ड का हाल तो बेहद दयनीय है। 54 बेड के इस विभाग में बारह मरीज भर्ती थे। यहां छत से टपकता पानी फर्श से होते हुए गायनी वार्ड तक पहुंच रहा है। जिसके चलते वार्ड में आने जाने वाले लोगों को काफी सांसत हो रही है।

रैंप ही ना टूट जाए

मेडिकल कॉलेज में स्थित सामान्य सर्जरी, आर्थो, गायनिक, आई, न्यूरो सर्जरी आदि ओटी हैं। ऑपरेशन थिएटर तक मरीजों को ले जाने के लिए रैंप बनाए गए हैं। रिपोर्टर ने देखा तो रैंप की छत और पिलर की स्थिति खस्ता मिली। छत से प्लास्टर टूट कर नीचे गिर रहे हैं, लोहे की सरिया तक साफ नजर आ रहा है। वहीं वार्डो तक पहुंचने के लिए बनाई गई गैलरी के कुछ पार्ट की छतें पानी ठहराव होने के चलते प्लास्टर छोड़ रही हैं। लगातार पानी रिसने से दीवारें भी कमजोर हो चुकी हैं। इसके अलावा मेडिसिन इमरजेंसी 14 और 100 नंबर इंसेफेलाइटिस वार्ड तक के रास्ते पर लगाई गईं प्लास्टिक शीट्स भी पूरी तरह टूटी मिलीं। यहां भी बारिश का पानी नीचे टपक रहा है।

यहां है दिक्कत

नेत्र, बर्न वार्ड, गायनी वार्ड, सामान्य सर्जरी, आर्थो, गायनिक, आई, न्यूरो सर्जरी ओटी

डेली आते हैं मरीज

3 से 4 हजार

वर्जन

वार्डो की मरम्मत कराने के लिए प्रपोजल तैयार कराए जा रहे हैं। जल्द ही भवनों के मरम्मत का कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।

- डॉ। एके श्रीवास्तव, एसआईसी नेहरू चिकित्सालय बीआरडी