गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके बाद 25 से 30 परसेंट हिस्सा भूस्वामी को दिया जाएगा। इन प्लाटों को जीडीए बेचेगा और मल्टीस्टोरी भी तैयार कराएगा। इससे जमीन की चाहत रखने वालों को ख्वाहिश पूरी होगी तो मल्टीस्टोरी से आवास की समस्या भी दूर होगी। जीडीए का मानना है कि डेवलप प्लॉटों और आवासों की मांग बढ़ती जा रही है। जीडीए के पास लिमिटेड जमीनें हैं, ऐसे में अब लोगों को आगे आना होगा।

डेवलपमेंट में जाएगी 35 परसेंट जमीन

एग्रीमेंट के बाद जीडीए स्मार्ट सिटी की भांति जमीन का लेआउट प्लान बनाएगा। इसमें सड़कें, पार्क, सामुदायिक सुविधाएं, जलापूर्ति, ड्रेनेज, सीवरेज, विद्युत आपूर्ति, कूड़ा निस्तारण आदि की सुविधा दी जाएगी। इन सब में करीब 35 परसेंट जमीन चली जाएगी। जो 65 परसेंट जमीन बचेगी उसमें 25 से 30 परसेंट डेवलप जमीन को भूस्वामी को बेचने का अधिकार होगा। बाकी बची जमीन को जीडीए बेचेगा।

भूस्वामी शर्तों पर बदल सकेंगे लैंड यूज

डेवलप के बाद जो जमीन भूस्वामी को मिलेगी। वह आवासीय यूज के लिए ही होगा। जबकि जीडीए पांच परसेंट कॉमर्शियल उपयोग करेगा। हालांकिअगर भू स्वामी डेवलप जमीन को कॉमर्शियल उपयोग में चाहता है तो उसे इम्पैक्ट चार्ज (प्रभाव शुल्क) देना होगा। इसके बाद भी लैंड यूज बदला जा सकेगा।

क्या है लैंड पुलिंग स्कीम

जिन लोगों के पास अपनी जमीन है, या ऐसे लोगों का समूह जीडीए से मिलकर लैंड पुलिस स्कीम के तहत रजिस्टर्ड हो सकते हैं और उन जमीन पर प्लॉट या फ्लैट्स बनाकर बेच सकते हैं। लैंड पुलिंग स्कीम से जुडऩे के लिए सिर्फ जीडीए से एग्रीमेंट करना होगा। इसके बाद सारे डेवलप की जिम्मेदारी जीडीए की होगी। भू स्वामी को सिर्फ निर्धारित प्रारूप पर शपथ पत्र के साथ आवेदन करना होगा। इसके बाद जीडीए और भूस्वामी के बीच रजिस्टर्ड डेवलपमेंट एग्रीमेंट होगा। जिस पर कोई स्टैम्प डयूटी नहीं लगेगी। यह अनुबंध हस्ताक्षरित होने से संपूर्ण योजनावधि तक प्रभावी रहेगा। दोनों पक्ष इसमें वृद्धि भी कर सकेंगे।

3 साल के अंदर पूर्ण होगी योजना

जीडीए के अनुसार ले आउट प्लान स्वीकृति के तीन साल के अंदर योजना को पूर्ण करना है। ड्राफ्ट पुलिंग स्कीम की सार्वजनिक प्रदर्शनी लगाकर आपत्ति व सुझाव लिए जाएंगे। डेवलप भूमि का मूल्याकंन शासनादेश के अनुसार आवासीय, व्यवसायिक, मिश्रित, संस्थागत आदि के अनुसार तय किया जाएगा। प्रत्येक भूस्वामी को डेवलप जमीन उसके स्वामित्व के अनुपाति भाग को भूखंड के रूप में दिए जाएंगे। विवाद की स्थिति में मंडलायुक्त सोल आरबीट्रेटर होंगे।

लैंड पुलिंग के जरिए महानगर में आवास और प्लॉट की चाहत रखने वालों की समस्या दूर की जाएगी। इसके लिए कवायद शुरू की जा रही है। स्कीम के तहत जिन जमीनों का एग्रीमेंट होगा, उसे जीडीए डेवलप कराएगा। इसमें एक डेवलप हिस्सा भूस्वामियों को मिलेगा।

महेंद्र सिंह तंवर, जीडीए वीसी