गोरखपुर (अनुराग पांडेय)।जबकि गोरखपुर में होली, दिवाली और नए साल की बात करें तो यहां पर करोड़ों रुपए की शराब पी जाती है। चौक-चौराहों और मॉडल शॉप के आसपास अक्सर कार बार देखे जा सकते हैं।

ब्रीथ एनालाइजर खा रहा धोखा

ट्रैफिक पुलिस बीच-बीच में ब्रीथ एनालाइजर भी लेकर पर उतरी, लेकिन शराब के शौकीन ब्रीथ एनालाइजर को धोखा देना जानते हैं। ट्रैफिक पुलिस की मानें तो जब भी चेकिंग होती है तो लोग ब्रीथ एनालाइजर में धीरे से फूंक मारते हैं, जिससे वे पकड़ में नहीं आते हैं। ट्रैफिक पुलिस की मानें तो मदिरा सेवन कर गाड़ी चलाने में 10 हजार जुर्माना लगता है। इसलिए लोग जुर्माना से बचने कोर्ट चले जाते हैं। वहीं, हेलमेट ना पहनने वालों पर ट्रैफिक पुलिस जरा भी रहम नहीं करती है। चार साल में बिना हेलमेट 3,25,331 चालान काटे गए हैं, जिनका शमन शुल्क 4,04,76,400 करोड़ रुपए हुआ।

मदिरा सेवन पर चालान

साल --- चालान ---- शमन शुल्क वसूला

2019 ---- 3 ------ निल

2020 ---- 6 ------ निल

2021 ----- 4 ------ निल

2022 ---- 41 ------ निल

चार साल में हुए चालान और शमन शुल्क

वर्ष चालान शमन शुल्क

2019 76,744 2,03,61,100

2020 1,63,187 3,32,95,450

2021 1,25,405 1,60,49,650

2022 288827 2,99,70,400

टोटल 6,54,163 9,96,76,600

(नोट: यह चालानी कार्रवाई हेलमेट न लगाने, सीट बेल्ट न बांधने, गाड़ी चलाते समय मोबाइल यूज करने, नो पार्किंग में वाहन खड़े करने, रेड लाइट जंप करने, तीन सवारी बैठाने, स्टंट करने, मदिरा सेवन, ओवर स्पीडिंग आदि मामलों में की गई है.)

ब्रीथ एनालाइजर से गाड़ी ड्राइव करने वालों को चेक किया जाता है। जो पकड़ में आता है, उस पर कार्रवाई की जाती है। बहुत से लोग चालाकी कर बच भी निकलते हैं।

डॉ। एमपी सिंह, एसपी ट्रैफिक