गोरखपुर (ब्यूरो)।पीएम मोदी के नेतृत्व में अब भारत चिप मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर अपने कदम बढ़ा रहा है। सेंट्रल गवर्नमेंट की मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की 'चिप टू स्टार्टअपÓ योजना में सेमीकंडक्टर डिजाइन और चिप्स पर रिसर्च की जाएगी। यह प्रोजेक्ट कुल 230 करोड़ का है। इसके तहत मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के स्टूडेंट्स अब सेमीकंडक्टर चिप को डिजाइन करेंगे। इस योजना में शामिल होने वाली यह पूरे देश की इकलौती स्टेट यूनिवर्सिटी है।

30 इंस्टीट्यूट्स में होगी ट्रेनिंग

'चिप टू स्टार्टअपÓ योजना के तहत देश की टॉप 30 टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स को चिप डिजाइनिंग और मैनपॉवर ट्रेनिंग के लिए सेलेक्ट किया गया है। इसमें एमएमएमयूटी के साथ ही देश के बड़े-बड़े आईआईटी और एनआईटी शामिल हंै। इसके लिए जनवरी 2022 में प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से अब अप्रूवल मिला है। इसमें 5जी के लिए सेमीकंडक्टर चिप पर रिसर्च के साथ ही 85,000 युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी।

85 लाख रुपए मिलेगा बजट

इस प्रोजेक्ट के तहत एमएमएमयूटी को पांच साल के लिए 85 लाख रुपए का बजट मिलेगा। यह पैसा रिसर्च और टे्रनिंग पर खर्च किया जाएगा। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी की ओर से 75 लाख रुपए के सॉफ्टवेयर की डिमांड सेंट्रल गर्वमेंट से की गई है। बजट अप्रूव होने के साथ ही अप्रैल से काम शुरू हो जाएगा।

मेमोरी सर्किट का है पेटेंट

एमएमएमयूटी में मेमोरी सर्किट पर पहले से भी काम किया जा रहा है। डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रो। आरके चौहान की 'मेमोरी सर्किटÓ पर किए गए रिसर्च पर पेटेंट भी मिल चुका है। प्रो। चौहान ने बताया कि सेमीकंडक्टर और चिप में ही फ्यूचर है। चंडीगढ़ की एक कंपनी के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा।

लिए जाएंगे एप्लीकेशन

सेमी कंडक्टर डिजाइन के लिए यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रानिक्स, कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट में काम होगा। इसमें इन डिपार्टमेंट्स के इंटरेस्टेड स्टूडेंट्स को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा कोई बाहरी स्टूडेंट भी अगर जुडऩा चाहे तो अप्लाई कर सकेगा। जुडऩे के लिए उसका इलेक्ट्रॉनिक्स और वीएलएसआई बैकग्राउंड कंपल्सरी है। यूनिवर्सिटी ने हर साल लगभग 150 स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग देने का टारगेट रखा है।

क्या है समीकंडक्टर?

सेमीकंडक्टर चिप्स, या माइक्रोचिप्स को हम कई डिजिटल कंज्यूमर प्रोड्क्टस के जरूरी टुकड़े कह सकते हैं। कारों से लेकर मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड तक में इसका इस्तेमाल होता है।

मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी 'चिप टू स्टार्टअपÓ योजना में एमएमएमयूटी को सेलेक्ट किया गया है। पीएम मोदी के विजन के साथ काम करने के लिए यूनिवर्सिटी तैयार है। अप्रैल से इस पर काम भी शुरू हो जाएगा।

प्रो। जेपी पांडेय, वीसी, एमएमएमयूटी