-परिषदीय स्कूलों का इंजीनियरिंग कॉलेज के साथ हुआ टाईअप

-सप्ताह में एक दिन एमएमएमयूटी के इंजीनियर्स परिषदीय स्कूलों के बच्चों की लेंगे क्लास

-पढ़े गोरखपुर बढ़े गोरखपुर प्रोग्राम के तहत टीचर्स और स्टूडेंट को करेंगे ट्रेंड

GORAKHPUR: बाल मन हमेशा ही चंचल होता है। इसमें बचपन में जो राह दिखा दी जाए, उस ओर ही चल पड़ता है। इनोवेटिव सभी स्टूडेंट्स हैं, लेकिन उनके हुनर को एक ट्रिगर की जरूरत होती है, जिसके बाद उनकी जिंदगी में इनोवेशन की गाड़ी कामयाबी के ट्रैक पर सरपट दौड़ने लगती है। यही वजह है कि इस चंचल मन को बचपन से ही कामयाबी के सपना दिखाने के लिए बडिंग इंजीनियर्स उनके हुनर को ट्रिगर करेंगे। परिषदीय के प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में एमएमएमयूटी के स्टूडेंट्स क्लास लेंगे। संसाधन की कमी और इनोवेशन से दूर रहने वाले इन स्टूडेंट्स को साइंस और टेक्नोलॉजी की फील्ड में एक्सप‌र्ट्स बनाएंगे, जिससे कि ग्रेजुएट लेवल पर पहुंचते ही स्टूडेंट्स का सफर तेजी से पूरा हो सके।

एमएमएमयूटी में तैयार 900 स्टूडेंट्स की टीम

इस अनोखी पहल में शिक्षा विभाग भी एमएमएमयूटी के साथ खड़ा है। 'पढ़े गोरखपुर, बढ़े गोरखपुर' नाम से शुरू हुई इस खास मुहिम के लिए बीएसए ने एमएमएमयूटी प्रशासन को सभी स्कूलों की लिस्ट सौंप दी है। जिसके बाद प्रोफेसर्स ने इस खास मुहिम के लिए काम भी शुरू कर दिया है। इसमें इंजीनियरिंग के स्टूडेंट फ्री ऑफ कॉस्ट परिषदीय विद्यालयों में जाएंगे और बच्चों को इंजीनियरिंग के साथ ही उनके कॅरियर चुनने और उसे बेहतर तरीके से आगे बढ़ाने के टिप्स देंगे। इंजीनियरिंग कॉलेज के 900 स्टूडेंट्स जो कि राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) से जुड़ें हैं। इन्हीं स्टूडेंट्स को परिषदीय स्कूलों में लगाया जाएगा।

बच्चें जानेंगे क्या होते हैं इंजीनियर?

परिषदीय के जूनियर और प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को एमएमएमयूटी के इंजीनियर्स सप्ताह में एक दिन क्लास लेने पहुंचेंगे। खासतौर से एमएमएमयूटी के स्टूडेंट सबसे पहले बच्चों को ये बताएंगे कि इंजीनियर क्या होते हैं और उसका मतलब क्या होता है। इसके अलावा विज्ञान पर बच्चों से बातें होंगी। उन्हें इनोवेशन के बारे में बताकर उसके लिए मोटिवेट किया जाएगा। इसके साथ ही साइंस एग्जिबिशन और कॉम्प्टीशन कराकर स्टूडेंट्स का डर दूर किया जाएगा। उनकी प्रतिभा को उभारने के लिए कई तरह के प्रयास होंगे।

टीचर्स को भी स्पेशल ट्रेनिंग

- इस प्रोग्राम के तहत परीषदीय स्कूलों के करीब 10 हजार टीचर्स को भी ट्रेनिंग दी जाएगी।

- इसमे बच्चों को कैसे शिक्षा का प्रारूप समझाया जाए, इसकी जानकारी दी जाएगी।

- ऑनलाइन टेक्नोलॉजी को कैसे पढ़ाई में शामिल किया जाना चाहिए, इसकी ट्रेनिंग इंजीनियर्स टीचर्स को देंगे।

- एमएमएमयूटी प्रशासन की मानें तो 15 सेशन में सभी टीचर्स को ट्रेंड किया जाएगा।

खास बातें-

-2500 परिषदीय स्कूलों में एक दिन चलेगी इंजीनियर्स की क्लास।

-900 एनएसएस के स्टूडेंट्स स्कूलों में जाकर देंगे लेक्चर।

-इंजीनियर फ्री ऑफ कास्ट देंगे बच्चों का ज्ञान।

-करीब 10 हजार टीचर्स को भी दी जाएगी ट्रेनिंग।

-पढ़े गोरखपुर बढ़े गोरखपुर स्कीम के तहत शुरू होगी मुहिम।

-5 गांव पहले ही इंजीनियरिंग कॉलेज ले चुका है गोद।

-15 सेशन में 10 हजार टीचर्स को दी जाएगी ट्रेनिंग।

पढ़े गोरखपुर बढ़े गोरखपुर स्कीम के तहत इस मुहिम की शुरूआत बहुत जल्द होगी। स्कूलों की संख्या और नाम मिल गए हैं। इस पर काम हो रहा है।

डॉ। अवधेश कुमार, कोआर्डिनेटर एनएसएस, एमएमएमयूटी

एमएमएमयूटी प्रशासन को सभी स्कूलों की लिस्ट बनाकर सौंप दी गई है। इस पहल से परिषदीय स्कूलों के बच्चे भी हाइटेक हो सकेंगे।

बीएन सिंह, बीएसए