- हादसों के बावजूद अपनी जिम्मेदारी भूल रहे जिम्मेदार

GORAKHPUR : एक छोटा सा हादसा किसी परिवार को पूरी जिंदगी का दर्द दे सकता है। जिंदगी को रिस्क में डालकर किसी घर का लाडला और देश का फ्यूचर किस तरह टेंपो में चल रहा है, उसकी हर तस्वीर हम आपके सामने रख चुके हैं। वो कितने सेफ हैं, आए दिन हो रहे हादसे इस बात का सबूत है। बच्चों की सिक्योरिटी खतरे में है, यह जानते हुए भी जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी को भूल जाते हैं। आज आई नेक्स्ट बताएगा कौन-कौन है बच्चों के इस रिस्की रिक्शा का जिम्मेदार।

जिम्मेदार - शिक्षा विभाग

जिम्मेदारी - स्कूल की मान्यता के समय इन्हें सभी स्कूल से वाहनों को लेकर आटीओ की एनओसी लेनी चाहिए। साथ ही समय-समय पर बच्चे किस वाहन से स्कूल आ रहे हैं, इसकी जानकारी भी लेनी चाहिए। स्कूल में बच्चों को लाने के लिए सिर्फ बस ही रजिस्टर्ड होती है। अगर किसी दूसरे वाहन से बच्चे आ रहे हैं, तो उनकी सेफ्टी की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन को सौंपनी चाहिए।

स्कूल में बच्चों को लाने के लिए सिर्फ बस एलाऊ होती है। मगर टेंपो भी बच्चों को ढो रही है। इस मामले में जरूरी कार्रवाई की जाएगी।

एएन मौर्य, जिला विद्यालय निरीक्षक

जिम्मेदार - पुलिस

जिम्मेदारी - बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए बस या बंद गाड़ी होनी चाहिए। मगर कई स्कूल में बच्चे टेंपो से जा रहे हैं। जिसमें सेफ्टी बहुत कम रहती है। पुलिस को समय-समय पर एक अभियान चला कर इनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही स्कूल प्रबंधन को भी इसके लिए चेतावनी देनी चाहिए।

कुछ स्कूल टेंपो अटैच कर लेते हैं तो कुछ पैरेंट्स प्राइवेट व्यवस्था कर भेजते हैं। टेंपो को सिर्फ स्कूल जाते या लौटते समय ही पहचाना जाता है। बच्चों को देखते हुए कार्रवाई करने में प्रॉब्लम होती है। इन टेंपो के खिलाफ जल्द अभियान चलाया जाएगा।

बीएन गुप्ता, टीएसआई

जिम्मेदार - आरटीओ

जिम्मेदारी - स्कूल व्हीकल के रूप में सिर्फ बस रजिस्टर्ड होती हैं। इसके अलावा जो भी वाहन बच्चों को स्कूल ले जा रहे हैं, उनके खिलाफ अभियान चलाना चाहिए। साथ ही समय-समय पर सड़क पर चेकिंग करने के साथ स्कूल से भी वाहनों की डिटेल मांगनी चाहिए। नियम के खिलाफ होने पर कार्रवाई करनी चाहिए।

स्कूल के लिए सिर्फ बस रजिस्टर्ड होती है। अन्य वाहन रजिस्टर्ड नहीं है। पैरेंट्स प्राइवेट रूप से इन वाहनों से बच्चों को स्कूल भेजते हैं। इसके खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।

डॉ। अनिल कुमार, आरटीओ एनफोर्समेंस

जिम्मेदार - स्कूल

जिम्मेदारी - बच्चे स्कूल जा रहे हैं। वे किस वाहन से जा रहे हैं, इसकी जिम्मेदारी स्कूल की भी होनी चाहिए। अगर वाहन में सेफ्टी नहीं है तो स्कूल को उसे बैन करना चाहिए। साथ ही स्कूल आने वाले हर वाहन की डिटेल रखनी चाहिए। क्योंकि स्कूल आ रहे बच्चों की जिम्मेदारी पैरेंट्स की तरह स्कूल प्रबंधन की भी है।

जो बच्चे स्कूल बस से आते हैं, उनकी जिम्मेदारी प्रबंधन की होती है। जो बच्चे बाइक, प्राइवेट रिक्शा या टेंपो से आ रहे हैं, उनकी कोई जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की नहीं होती है। पैरेंट्स अपने रिस्क पर उन्हें भेजते हैं।

प्रेम चंद्र श्रीवास्तव, प्रेसिडेंट स्कूल एसोसिएशन

जिम्मेदार - पैरेंट्स

जिम्मेदारी - बच्चा कितना सेफ है, इसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी पैरेंट्स की होती है। उन्हें स्कूल जाने वाले वाहन के ड्राइवर, गाड़ी नंबर और उसकी कंडीशन की जानकारी होनी चाहिए। साथ ही एक टेंपो में नियमानुसार कितनी सवारी बैठनी चाहिए और कितनी बैठ रही है, इसकी भी जानकारी रखनी चाहिए। जिससे कि बच्चा सेफ रहे।

टेंपो में पांच बच्चे ही जाने चाहिए। मगर अधिकांश टेंपो में बच्चों की संख्या 10 से अधिक रहती है। इसके लिए पैरेंट्स जिम्मेदार हैं। पैरेंट्स को अवेयर होना पड़ेगा।

राम नरेश, पैरेंट्स