यही नहीं सैकड़ों घरों के अन्दर ड्रॉइंगरूम और बेडरूम तक पानी भरा दिख रहा है। लोगों की गृहस्थी का सामान खराब हो गया। दर्जनों घरों में तो बाढ़ के कारण खाना तक नहीं बन सका। कई घरों में छतों व फस्र्ट फ्लोर पर किचन शिफ्ट करनी पड़ी। आवास विकास में ये सैलाब आया है पनकी नहर फटने से। सैकड़ों घरों में पानी घुसता रहा, गृहस्थी का सामान डूबते देख लोग खुद ही कटान रोकने में लगे रहे, पर अधिकारियों की नींद तो सुबह ही जाकर टूटी। जब सुबह नगर आयुक्त और एसडीएम ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई तब जाकर कटान रोकने के असल प्रयास शुरू हुए।

तडक़े सुबह

पनकी नहर भोर पहर कट गई। पानी आवास विकास-3 कल्याणपुर की सडक़ों और गलियों में तेजी से भरने लगा। करीब 3 बजे किरण अग्र्रवाल की नींद टूटी तो घर के सामने गेट तक पानी भरा पाया। जब तक वह कुछ समझते पानी घर के अंदर भी भरने लगा। उन्होंने शोर मचाकर फैमिली मेंबर्स के अलावा पड़ोसी सूरज पहाड़ी, संजय, मुल्लाजी आदि को मोहल्ले में पानी भरने की जानकारी दी।

हो गई सुबह

नहर कटने और मोहल्ले में पानी भरने के शोर से आवास विकास-3 में रहने वालों की सुबह सूरज निकलने से पहले ही हो गई। डीसी राठौर, अरविन्द, राजेश, संजय, प्रदीप, किरण अग्र्रवाल, शिव सिंह आदि लोग टॉर्च, इमरजेंसी लाइटें आदि लेकर नहर की ओर भागे। लोहे के पुल पर पहुंचने पर उन्हें नहर कटी मिली। उन्होंने पुलिस, प्रशासन और सिंचाई विभा के इंजीनियर्स को फोन किया।

15 फुट लंबाई तक कटान

मगर पुलिस, प्रशासन और सिंचाई विभाग के ऑफिसर्स को न आता देख इन लोगों ने कटान रोकने के लिए खुद ही कमर कस ली। वो सब पनकी पॉवर हाउस के पत्थरों को कंधे पर लादकर कटान में लगाने लगे। मगर तेज बहाव के कारण पत्थर तक बहने लगे। आनन-फानन युवक बल्लियां लेकर आए और पत्थरों को बहने से रोकने के लिए पहले बल्लियां लगाईं। तब कहीं जाकर पत्थर रूके। मगर पानी के तेज बहाव के कारण कटान फैलती चली गई। दोपहर होते-होते करीब 15 फीट लंबाई तक नहर कट चुकी थी। इस बीच आवास विकास-3 कल्याणपुर के एलआईजी, एमआईजी, ईडब्लूएस, प्लाट्स वाले मोहल्ले टापू बन गए थे और दर्जनों घरों में पानी भर चुका था।

लगाई फटकार

सुबह एडीएम सिटी अनूप श्रीवास्तव, म्यूनिसिपल कमिश्नर एनकेएस चौहान मौके पर पहुंचे। इस बीच सिंचाई विभाग के एसई रनवीर सिंह मौके पर पहुंचे चुके थे। मगर वहां नहर में हुए कटान को रोकने के लिए प्रयास न के बराबर होता देख इन ऑफिसर्स को पारा चढ़ गया। उन्होंने एसई को फटकार लगाते हुए कटान रोकने के लिए तेजी से कार्रïवाई करने का फरमान सुनाया। एडीएम सिटी ने सीओ व एसओ के न होने पर भी नाराजगी जताई। म्यूनिसिपल कमिश्नर ने मदद के लिए नगर निगम का अमला भी बुला लिया।

जानवरों ने काटी या शरारत

जहां नहर कटी है, उसके पास में चार-पांच चट्टे हैं। इलाकाई लोगों का कहना है कि पनकी नहर में पानी खूब होने की वजह से नहर पटरी की मिïट्टी नम रहती है। इसी से होकर जानवर नहर में आते हैैं। उनके खुरों से नहर कटी है। वहीं दीपक शर्मा ने कहा कि नहर पटरी से होकर जेसीबी, ट्रक व अन्य हैवी व्हीकल्स आते-जाते हैैं। दो दिन पहले इसी जगह पर जेसीबी का पहिया फंस गया था। वहीं सिंचाई विभाग के एसई रनवीर सिंह ने कहा कि अभी साफ नहीं हो सका है कि नहर में कटान कैसे हुआ है? जानवरों के अलावा शरारती तत्वों की भी हरकत हो सकती है।

शाम तक चलता रहा काम

सिंचाई विभाग के ट्रैक्टरों और नगर निगम के जेसीबी आने के बाद नहर कटान वाली जगह बन्द करने का काम तेज हुआ। आवास विकास 3 के लोग भी मदद में जुटे रहे। दोपहर करीब तीन बजे पनकी पॉवर हाउस के पत्थरों को नहर कटान वाली जगह पर भर दिया गया। मगर इन पत्थरों के बीच पानी फिर भी बहकर आवास विकास की ओर जाता रहा। यह देख सिंचाई विभाग के इंजीनियर्स ने रेत की बोरियां नहर की साइड और पत्थरों पर मिïट्टी भरनी शुरू की। मगर शाम 5 बजे के बाद जेसीबी को नहर कटान वाली जगह से पार नहीं ले जा सके।

पम्प लगाए गए

लबालब भरे पानी को निकालने के लिए म्यूनिसिपल कमिश्नर ने नगर निगम और जलनिगम के पम्प भेजे हैैं। बावजूद इसके मंडे से पहले पानी निकलने के आसार भी कम हैैं। क्योंकि बरसाती नाला की सफाई में खानापूरी ही की जाती है।

मौका देखा चौका लगाया

मौका देखकर नहर कटने वाली जगह पर वार्ड-46 के कारपोरेटर के कैंडीडेट भी पहुंच गए। तमाशबीनों के बीच वे पत्थर उठाकर मदद करने में जुट गए। मगर इस बीच वे नेतागिरी चमकाने से नहीं चूके। निवर्तमान पार्षद को कोसने से भी नहीं चूके।

चौदह साल में पांच बार कट चुकी है ये नहर

27 अक्टूबर, 2010- सी ब्लाक पनकी के पास यही नहर कट गई थी। दो दिन बाद जलभराव खत्म हो पाया था।

2009- दीपावली के दो दिन पहले इसी नहर में आ.वि। कल्याणपुर के पास नहर में कटान होनेे से रोड्स जलमग्न हो गई थीं।

2006- मिर्जापुर के पास नहर फट गई थी। घरों के अन्दर पानी भर गया था।

2004- मिर्जापुर के पास भी नहर में कटाव हो गया था। पानी रोड्स व घरों में भर गया था।

1998- इसी नहर में सी ब्लाक के करीब कटाव होने के एक दिन बाद तक पानी भरा रहा था.क्र