-पनकी पॉवर हाउस में 660 मेगावॉट की नई यूनिट को कैबिनेट ने दी मंजूरी

-एयरपोर्ट और इरीगेशन विभाग से मिल चुकी है एनओसी, कोल इंडिया दे चुका कोयला देने पर सहमति

-मिनिस्ट्री ऑफ एनवारयमेंट एंड फारेस्ट की एनओसी को भेजा जा चुका प्रपोजल

-पहली अगस्त को है मिनिस्ट्री में मीटिंग

KANPUR: पनकी थर्मल पॉवर स्टेशन में सुपर क्रिटिकल टेक्निक से 660 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। जिसमें कोयले की खपत तो कम होगी और पॉवर जेनरेशन अधिक होगा। मंगलवार को कैबिनेट की मीटिंग में पनकी पॉवर हाउस की क्षमतावृद्धि करते हुए 660 मेगावॉट की नई यूनिट लगाने के प्रपोजल को हरी झंडी दे दी है। नई यूनिट लगने से कानपुर में रोजगार के साथ इंडस्ट्रीज को भी बढ़ाया मिलेगा। यूपी गवर्नमेंट पनकी में नई पॉवर जेनरेशन यूनिट लगने से कानपुर में पॉवर क्राइसिस की समस्या भी हल हो जाने के दावे कर रही है।

एक साल से चल रही हैं तैयारियां

पनकी थर्मल पॉवर स्टेशन में म्म्0 मेगावॉट की नई पॉवर जेनरेशन यूनिट लगाने की तैयारियां करीब एक साल से भी अधिक समय से चल रही हैं। पनकी पॉवर हाउस के ऑफिसर्स के मुताबिक एयरपोर्ट अथॉरिटी से चिमनी और इरीगेशन डिपार्टमेंट से लोअर गंगा कैनाल के पानी के लिए पहले ही एनओसी मिल चुकी है। पनकी की इस नई जेनरेशन यूनिट को कोयला देने के लिए कोल इंडिया पहले ही सहमति दे चुका है। सेंट्रल गवर्नमेंट के मिनिस्ट्री ऑफ एनवॉयमेंट एंड फारेस्ट डिपार्टमेंट की एनओसी के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के कार्पोरेट ऑफिस की तरफ से 8 मार्च, ख्0क्फ् को अप्लीकेशन भी भेजी जा चुकी है। एनओसी की प्रक्रिया अब दूसरे चरण में हैं। अगले महीने एक अगस्त को मिनिस्ट्री में ट‌र्म्स ऑफ रिप्रफरेंस की मीटिंग है। इस प्रोजेक्ट पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के कार्पोरेट ऑफिस के ऑफिसर्स लगे हुए हैं। पॉवर हाउस के ऑफिसर्स के मुताबिक इस प्रोजेक्ट की कास्ट करीब ब्7क्ख् करोड़ रुपए है। इससे पहले पनकी में ख्भ्0-ख्भ्0 मेगावॉट की दो यूनिट लगाने का प्रपोजल तैयार किया गया था। लेकिन पॉवर जेनरेशन में कोयले की खपत अधिक होने और पाल्यूशन प्रॉब्लम के कारण इसे मंजूरी नहीं मिल सकी है। पॉवर हाउस के एक ऑफिसर ने बताया कि सुपर क्रिटिकल टेक्निक से जेनरेशन एफिशियंसी काफी अधिक है। मान लो पहले जहां क् यूनिट पॉवर जेनरेशन में 9भ्0 ग्राम कोयला लगता था वहीं सुपर क्रिटिकल टेक्निक अपनाने से क् यूनिट पॉवर जेनरेशन में केवल म्भ्0 ग्राम ही कोयला लगेगा। सुपर क्रिटिकल टेक्निक से पॉवर जेनरेशन होने पर सबसे अधिक पनकी, स्वराज नगर और इसके आसपास मोहल्लों को होगा। इन मोहल्लों में रहने वालों को अभी तक पाल्यूशन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

लाइफ पूरी कर चुकीं दोनों यूनिट

पनकी थर्मल पॉवर स्टेशन में इस समय क्क्0-क्क्0 मेगावॉट की ख् यूनिट से जेनरेशन हो रहा है। फ् नम्बर और ब् नम्बर की ये जेनरेशन यूनिट क्रमश: जनवरी और मई,क्977 में लगाई गई थी। यानि की इन यूनिट को लगे हुए फ्7 साल हो चुके है। जेनरेशन में लगे इंजीनियर्स के मुताबिक ये दोनों ही यूनिट अपनी उम्र पूरी कर चुकी है। इसी वजह से अक्सर ये जेनरेशन यूनिट ठप हो जाती है। इसी वजह इनकी जेनरेशन क्षमता भी घटाकर क्0भ् और क्0भ् मेगावॉट कर दी गई है। फिलहाल इन दोनों यूनिट को मिलाकर टोटल क्ब्0 मेगावॉट पॉवर जेनरेशन हो रहा है। फिलहाल सबसे बड़ी समस्या पॉवर जेनरेशन में कोयले के यूज से होने वाले एयर पाल्यूशन की है। जिसके कारण पाल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड अक्सर पनकी थर्मल पॉवर स्टेशन के ऑफिसर्स को नोटिस थमा देता है। लाख प्रयासों के बाद पाल्यूशन कन्ट्रोल के मानकों पर ये खरी नहीं उतर ही है।

ग्रिड में जाएगी बिजली

पनकी पॉवर हाउस और केस्को ऑफिसर्स के मुताबिक पनकी में म्म्0 मेगावॉट से जेनरेशन होने के बावजूद कानपुर को सीधे बिजली नहीं दी जा सकती है। ये बिजली नार्थ ग्रिड में जाएगी। इस समय भी ऐसा ही हो रहा है। स्टेट गवर्नमेंट जरुर कानपुर का पॉवर रोस्टरिंग में कटौती करके अधिक बिजली दे सकता है।

पनकी में नई पॉवर जेनरेशन यूनिट्स लगाने के लिए काफी समय से प्रयास किए जा रहे थे। आज कैबिनेट से मंजूरी भी मिल गई है। इससे कानपुर में रोजगार और इंडस्ट्रीज को बढ़ावा मिलेगा। नई यूनिट के लिए कई डिपार्टमेंट्स से एनओसी ली जा चुकी है। अनुपम अग्रवाल, जीएम, पनकी थर्मल पॉवर स्टेशन

पनकी थर्मल पॉवर स्टेशन

जेनरेशन यूनिट- चालू हुई- कैपेसिटी

एक नम्बर यूनिट- क्9म्म्- फ्ख् मेगावॉट (बन्द )

दो नम्बर यूनिट- क्9म्7 - फ्ख् मेगावॉट (बन्द )

फ् नम्बर यूनिट- जनवरी, क्977- क्क्0 मेगावॉट(चालू)

ब् नम्बर यूनिट- मई, क्977- क्क्0 मेगावॉट(चालू)

फ् व ब् नम्बर यूनिट से टोटल पॉवर जेनरेशन- क्ब्0 मेगावॉट