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पड़ोसी के पूर्व ड्राइवर और एक नेता ने साथियों समेत डाका डाला था

-उरई जेल में बनाई गई थी योजना, पुलिस ने डकैती का माल भी बरामद किया

-एक बदमाश पुलिस के हत्थे चढ़ा, ड्राइवर और कथित नेता साथियों समेत फरार

-पुलिस ने फरार बदमाशों को ईनाम घोषित किया, एनएसए की कार्रवाई की जाएगी

KANPUR : नजीराबाद में सर्राफा कारोबारी के घर पर पड़ोसी के पूर्व ड्राइवर और बजरंग दल के कथित नेता ने साथियों संग डाका डाला था। उनको वारदात के दौरान दो चूक करना भारी पड़ गया, जिसकी मदद से एसएसपी ने रविवार को उनके एक साथी को दबोच कर वारदात का खुलासा कर दिया। पीडि़त परिवार से भी उसे पहचान लिया है। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर ड्राइवर के घर से डकैती की ज्यादातर रकम और जेवर तो बरामद कर लिया, लेकिन वो उनके हाथ से निकल गया। वो डकैती की शेष रकम और जेवर लेकर साथियों समेत फरार हो गया है। उसके पिता को डकैती का सामान रखने पर गिरफ्तार किया गया है। अब पुलिस ड्राइवर और उसके साथियों की तलाश कर रही है। वहीं सर्राफा एसोसिएशन ने वारदात के खुलासे के लिए एसएसपी का सम्मान करने का एलान किया है।

उरई जेल में बनी थी योजना

सर्राफा कारोबारी के घर पर डकैती डालने वाला पड़ोसी का पूर्व ड्राइवर लालू उर्फ राघवेंद्र चौहान कालपी का रहने वाला है। वो अपराधिक प्रवृत्ति का है। उसको पुलिस ने एक आपराधिक मामले में गिरफ्तार कर उरई जेल भेज दिया था। जहां पर उसकी मुलाकात झांसी के सचिन कोस्टा, कालपी के करुणेंद्र चौहान उर्फ पिंटू सिंह, टिंगे उर्फ दिनेश कुशवाहा और टिप्पी से हुई थी। चार शातिर उसकी ही बैरक में बंद थे। लालू ने चारों से दोस्ती होने पर उनके साथ सर्राफ के घर पर डकैती की योजना बनाई थी। जिसमें पुलिस ने सचिन कोस्टा को दबोच लिया है। उसने पूछताछ में जुर्म कबूल कर लिया है। वहीं आए दिन हो रही वारदातों के चलते पुलिस की छवि काफी धूमिल हो रही थी, पुलिस के लिए यह खुलासा संजीवनी की तरह साि1बत हुआ।

कथित नेता कर रहा था लीड

सर्राफ के घर में डकैती का प्लान तो ड्राइवर लालू ने बताया था, लेकिन करुणेंद्र गैंग को लीड कर रहा है। उसके मुताबिक करुणेन्द्र बजरंग दल का नगर अध्यक्ष रह चुका है। उसने उरई में धर्म परिवर्तन कराकर बवाल मचा दिया था। पुलिस ने इसी मामले में उसको गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जहां करुणेंद्र की मुलाकात लालू समेत अन्य आरोपियों से हुई थी। करुणेंद्र के पिता की मौत हो चुकी है। वो कालपी में चाचा के पास रहता है और उसका भाई महोबा में नौकरी करता है। वो उरई से एक अपराधिक मामले में पहले से ही वांछित चल रहा है।

इस तरह वारदात को अन्जाम दिया

लालू सर्राफा के पड़ोस में नौकरी करने के दौरान उनके परिवार के बारे में सबकुछ जानता था, लेकिन कोई गलती न हो। इसके लिए उसने शहर आकर दोबारा से रेकी कर पता किया सर्राफ किस टाइम पर घर आता है? इसके बाद वो वापस चला गया। कोस्टा वारदात के एक दिन पहले शहर आया था, जबकि लालू समेत अन्य आरोपी वैन से वारदात के दिन घर आए थे। पहले से तय स्पॉट पर वे लोग मिले। इसके बाद उन लोगों ने नजीराबाद थाने के पास ही खाना-पीना करने के साथ ही शराब पी। प्लान के तहत लालू टिप्पी के साथ गुमटी क्रॉसिंग के पास खड़ा हो गया, जबकि करुणेंद्र दो साथियों के साथ ज्वैलर्स के घर के बगल की गली में छुप गया। ज्वैलर्स ने जैसे ही गुमटी क्रॉसिंग को पार किया, लालू ने कार को पहचान कर कोस्टा को जानकारी दी। जिससे वे वारदात के लिए तैयार हो गए।

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दो गलतियां की और पकड़े गए

सर्राफा कारोबारी के घर पर डकैती के दौरान बदमाशों को दो गलतियां भारी पड़ गई। बदमाशों ने सर्राफा कारोबारी के घर की रेकी तो की, लेकिन उन्होंने उनकी गली में लगे सीसीटीवी कैमरे पर ध्यान नहीं दिया। जिससे उनकी फुटेज कैमरे में कैद हो गई। बदमाश दूसरे जिले के थे। इसलिए फुटेज से उनकी पहचान होना मुश्किल था, लेकिन उन्होंने एक और गलती कर पुलिस को सबसे बड़ा सुराग दे दिया था। वारदात के दौरान सचिन कोस्टा ने साथियों को बुलाने के लिए मोबाइल का यूज किया था। पुलिस मोबाइल टॉवर डेटा फिल्टरेशन और सर्विलांस से पहले मोबाइल नम्बर पता किया और फिर बदमाश सचिन की लोकेशन पता कर उसको गिरफ्तार कर लिया।

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कॉल गर्ल के साथ अय्याशी की थी

पुलिस के हत्थे चढ़ा सचिन कोस्टा वारदात के एक दिन पहले शहर आ गया था। वो यहां पर गोविन्दनगर स्थित संजय इंटरनेशनल होटल में रुका था। उसने पूछताछ में बताया कि वो कॉल गर्ल के साथ अय्याशी करने के लिए एक दिन पहले आ गया था। वो होटल में पूरी रात कॉल गर्ल के साथ था। अगले दिन जब साथियों ने उसे फोन किया तब वो होटल से निकला था। उसके मुताबिक उन लोगों ने वारदात के बाद गोवा जाकर अय्याशी करने का प्लान बनाया था। एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि इस वारदात में शामिल सारे आरोपी अय्याश प्रवृत्ति के हैं। इससे पहले वे एक वारदात करने के बाद मुंबई भाग गए थे। जहां पर वे फाइव स्टार होटल में रुके थे।

टारगेट थी पांच करोड़ की लूट

सर्राफा कारोबारी के घर पर डाका डालने वाले बदमाशों का टारगेट तीन करोड़ का सोना लूटने का था। उन्होंने सिर्फ ट्रायल और संसाधन जुटाने के लिए सर्राफा कारोबारी के घर पर डकैती डाली थी। यह खुलासा पुलिस के हत्थे चढ़े कोस्टा ने किया है। उसके मुताबिक उन लोगों का टारगेट दिल्ली से जयपुर जाने वाले सोने को लूटने का है। जिसकी कीमत तीन से पांच करोड़ के बीच में रहती है।

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सर्राफ की कार से लूट की थी योजना

कोस्टा के मुताबिक वो पहले दिल्ली में रहता था। उस दौरान उसे पता चला था कि दिल्ली से करोड़ों रुपए का सोना जयपुर जाता था। उसने सोना लूटने के लिए रेकी की, लेकिन वो साथी और संसाधन न होने पर लूट को अन्जाम नहीं दे पाया था। वहीं, लालू ने सर्राफा के बारे में बताया तो उन लोगों ने सर्राफा के बाद सोना लूटने की योजना बनाई थी। उसके मुताबिक उन लोगों को कार, वेपन समेत अन्य संसाधन की जरूरत थी। जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने सर्राफ के घर पर डकैती डाली। उन्होंने सर्राफ की कार से ही सोना लूट को अन्जाम देने की योजना बनाई थी।