ये रहीं गाइडलाइंस :

- पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी एक साथ मिलकर काम करें।

- जिन इलाकों में साम्प्रदायिक माहौल बिगडऩे जैसी घटनाएं हो चुकी हैं, वहां के अराजक तत्वों की पहचान कर गिरफ्तारी तामील में लाई जाए।

- सेंसिटिव प्वाइंट्स पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।

- कई अराजक तत्व खुलेआम घूम रहे हैं और शहर की शांति-व्यवस्था के लिए खतरा बने हुए हैं, ऐसा क्यों?

- जिन इलाकों में साम्प्रदायिक माहौल बिगड़ा न हो, वहां पुलिस-प्रशासनिक अफसर थाना स्तर पर पीस कमेटी की बैठक करें।

- शहर में अमन-चैन के बाबत फ्लैग मार्च करवाएं।

- सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र की पहचान करके एरिया के अच्छे-बुरे लोगों की पहचान कर लें।  

- शहर में किसी तरह की नई परंपरा शुरू न होने पाये।

पुलिस और प्रशासन टीम बनाकर काम करे

मुजफ्फरनगर में हुए दंगे से शहर का प्रशासन और पुलिस भी अलर्ट मोड में आ गई है। शहर के पुलिस और प्रशासन के ऑफिसर्स ने

पुलिस लाइन में मंगलवार को मण्डलायुक्त महेश गुप्ता की अध्यक्षता में मीटिंग की। मण्डलायुक्त ने प्रशासन और पुलिस ऑफिसर्स को

साथ टीम बनाकर काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने दंगा स्कीम को प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया।

चप्पे-चप्पे की जानकारी रखें थानाप्रभारी

आईजी जोन सुनील गुप्ता ने पुलिसकर्मियों को इलाके के चप्पे-चप्पे की जानकारी रखने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा कि थानाप्रभारी हर सूचना को गंभीरता से लेकर तुरन्त मौके पर जाए। उन्होंने पुलिस कर्मियों को पब्लिक का विश्वास जीतने और उनसे अच्छे ढंग से पेश आने का निर्देश दिया। अतिसंवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा गया है। गणेश उत्सव पंडाल में सुरक्षा के लिए आयोजकों के साथ मीटिंग करने का निर्देश दिया गया है। एलआईयू और खुफिया रिपोर्ट के बाद वहां पर और निगरानी बढ़ाई गई है। मीटिंग में जिसमें डीएम समीर वर्मा, आईजी जोन सुनील गुप्ता, डीआईजी आरके चतुर्वेदी, एसएसपी यशस्वी यादव, एडीएम सिटी अविनाश सिंह समेत अन्य ऑफिसर्स मौजूद रहे।