हेडिंग: फॉग मैन सुरक्षित बनाएंगे ट्रेन की जर्नी

-कोहरे के असर से निपटने के लिए कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर तैनात किए गए चार फॉग सिग्नल मैन

-स्टॉप सिग्नल के 270 मीटर से पहले ट्रैक पर पटाखे रखकर ड्राइवर को करेंगे अलर्ट

KANPUR। कोहरे के दौरान ट्रेनों को सुरक्षित संचालन के लिए रेलवे अधिकारियों ने पूरी तैयारी कर ली है। पैसेंजर्स के सफर को सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे ने सभी बड़े व छोटे स्टेशनों पर फॉग सिग्नल मैन की तैनाती की है। जिनकी जिम्मेदारी घने कोहरे के दौरान स्टॉप सिग्नल के 270 मीटर पहले ट्रैक के बगल में पटाखे रखना है। जिससे ट्रेन ड्राइवर अलर्ट हो जाएगा कि अगले कुछ मीटर पर उसे ट्रेन रोकना है और वह ट्रेन की गति को धीमी कर लेगा। एनसीआर सीपीआरओ गौरव कृष्ण बंसल ने बताया कि कानपुर, इलाहाबाद जैसे स्टेशनों पर चार व छोटे स्टेशनों में दो फॉग सिग्नल मैन की तैनाती की गई है।

60 किमी होगी ट्रेन की अधिकतर स्पीड

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक कोहरे के दौरान ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 60 किमी प्रति घंटे रखी गई है। साथ ही दो स्टेशनों के बीच में एक ही ट्रेन होगी। अगले स्टेशन से ट्रेन पास हो जाने के बाद ही पीछे वाले स्टेशन से दूसरी ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक कोहरे की वजह से स्पीड धीमी होने से पैसेंजर्स का सफर लंबा जरूर हो जाएगा लेकिन साथ ही सुरक्षित भी होगा।

लेटलतीफी सुधारने के भी प्रयास

एनसीआर सीपीआरओ गौरव कृष्ण बंसल ने बताया कि कोहरे के दौरान पैसेंजर्स के सफर को सुरक्षित बनाने के साथ ही ट्रेनों की लेटलतीफी में भी सुधार करने के प्रयास रेलवे कर रहा है। रेलवे ने ट्रेन के इंजन में फॉग पायलट असिस्टेंट सिस्टम लगाना शुरू कर दिया है। जोकि ट्रेन ड्राइवर को ट्रेन के अंदर की सिग्नल की जानकारी देगा। इससे ड्राइवर समय रहते ट्रेन की स्पीड को सिग्नल के मुताबिक नियंत्रण कर सकता है। फॉग पास डिवाइस जीपीएस आधारित है। जोकि लोको पायलट को आने वाले सिग्नल की चेतावनी देता है।

फॉग सिग्नल मैन यह रखेंगे उपकरण

- पटरियों में लगाए जाने वाले पटाखे

- रेड एंड ग्रीन फॉग लाइटें

- वॉकी टॉकी

- रेलवे का सीयूजी फोन

- कंट्रोल रूम से हर वक्त रहेंगे कनेक्ट

क्रॉसिंग पर हार्न बजाने के आदेश

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक कोहरे के दौरान रेलवे क्रॉसिंग्स पर होने वाले हादसों की संख्या बढ़ जाती है। क्योंकि क्रॉसिंग बंद होने के बाद भी बैरियर के नीचे से क्रॉसिंग पार करता है। कोहरे में ट्रेन दूर से नहीं दिखाई देती है। लिहाजा व्यक्ति ट्रेन की चपेट में आ जाता है। इन घटनाओं से बचने के लिए रेलवे ने ड्राइवरों को क्रॉसिंग के पास लगातार हार्न बजाने का आदेश दिया है। जिससे क्रॉसिंग के पास खड़े लोगों को ट्रेन आने की जानकारी हो जाए।

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कोट

ट्रेनों में सफर करने वाले पैसेंजर्स के सफर को सुरक्षित बनाने के लिए कुछ फैसले लिए गए है। जिसमें एक यह भी है। कोहरे में ट्रेनों की होने वाली लेटलतीफी की समस्या को दूर करने के लिए रेलवे प्रयासरत है।

गौरव कृष्ण बंसल, सीपीआरओ, एनसीआर