लखनऊ (ब्यूरो)। बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं की बकाया निकल रही धनराशि को नए टैरिफ में एडजस्ट किया जा सकता है। इस मामले को लेकर उपभोक्ता परिषद की ओर से नियामक आयोग में मांग उठाई गई है। अगर नियामक आयोग ने इस दिशा में कदम उठाया तो साफ है कि नए टैरिफ में उपभोक्ताओं को सस्ती दरों की सौगात मिल सकती है।

26 हजार करोड़ बकाया राशि

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष की माने तो बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं की करीब 26 हजार करोड़ बकाया राशि निकल रही है। ऐसे में बिजली कंपनियों को जल्द से जल्द इस अमाउंट को एडजस्ट कर उपभोक्ताओं को इसका लाभ दिया जाना चाहिए, लेकिन अभी तक बिजली कंपनियों की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है। इस मामले को नियामक आयोग में भी उठाया गया है, ताकि उपभोक्ताओं को इस बकाया राशि का लाभ मिल सके।

उपभोक्ताओं से वसूलने की थी तैयारी

हाल में ही बिजली कंपनियों की ओर से विद्युत नियामक आयोग में सेकंड क्वार्टर के लिए बिजली दरों में फ्यूल सरचार्ज रूपी 12 पैसा प्रति यूनिट बढ़ोत्तरी संबंधी प्रस्ताव दाखिल किया गया था। विद्युत नियामक आयोग ने प्रस्ताव का परीक्षण किया तो सामने आया कि सेकंड क्वार्टर में प्रदेश की बिजली कंपनियों का कोई भी पैसा उपभोक्ताओं पर नहीं बनता। ऐसे में फ्यूल सरचार्ज में बढ़ोत्तरी का 12 पैसे प्रति यूनिट का प्रस्ताव खारिज हो गया। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने विद्युत नियामक आयोग में पावर कारपोरेशन और बिजली कंपनियों के प्रस्ताव के विरोध में दो फरवरी को एक प्रस्ताव दाखिल कर प्रदेश की बिजली कंपनियों के उस प्रस्ताव को गलत बताया था और कहा था कि मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन के प्रथम संशोधन के आधार पर जुलाई से सितंबर के बीच उपभोक्ता परिषद ने जब आंकलन किया तो पाया कि सेकंड क्वार्टर में उपभोक्ताओं का ही फ्यूल सरचार्ज के मद में लगभग 1000 करोड़ सरप्लस निकल रहा है। उसके आधार पर जुलाई से सितंबर के महीने में उपभोक्ताओं की बिजली दरों में करीब 30 से 31 पैसे प्रति यूनिट की कमी की जानी चाहिए।

नियामक आयोग करेगा विचार

उपभोक्ता परिषद की याचिका पर नियामक आयोग की ओर से बकाया धनराशि को एडजस्ट करने पर विचार किया जा रहा है। परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा की माने तो उपभोक्ताओं को नए टैरिफ में इसका लाभ दिया जा सकता है और इसके लिए उनकी ओर से रणनीति भी तैयार कराई जा रही है। परिषद अध्यक्ष का कहना है कि अगर बकाया अमाउंट को एडजस्ट कर दिया गया तो मई माह में आने वाले नए टैरिफ में उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिल सकती है। एडजस्ट की जाने वाली राशि के हिसाब से उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली दरों में राहत मिल सकती है। चूंकि अभी ढाई माह का समय शेष है, ऐसे में उनकी ओर से बकाया धनराशि को लेकर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैैं, जिससे जब टैरिफ पर सुनवाई शुरू हो तो उन साक्ष्यों को नियामक आयोग के समक्ष रख सकें।

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जमा कर दें बकाया बिल, कहीं स्लैब न बदल जाए

मध्यांचल के अंतर्गत आने वाले 19 जिलों की शहरी बिङ्क्षलग व्यवस्था आठ दिनों तक बंद रहेगी। ऐसे में बिजली उपभोक्ता की मीटर रीङ्क्षडग ज्यादा हो रही है तो 25 फरवरी से पहले बिल जमा कर दें। ऐसा न करने पर बिजली की ज्यादा खपत होगी और स्लैब बदल जाएगा। गत 24 अक्टूबर से बिङ्क्षलग व्यवस्था बिजली विभाग संभाल रहा है। तभी से कई बार बिङ्क्षलग व्यवस्था अपग्रेड करने के लिए बिङ्क्षलग सेवा प्रभावित हो चुकी है। इसका खामियाजा बिजली उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है। वहीं चिनहट व सेस जैसे क्षेत्रों में मीटर रीडर न पहुंचने से उपभोक्ताओं को एक साथ बिल जमा करना पड़ रहा है।

बिजली कनेक्शन नहीं जुड़ेगा

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की जनसंपर्क अधिकारी शालिनी ने बताया कि 25 फरवरी से चार मार्च तक शहरी क्षेत्र में बिङ्क्षलग व्यवस्था को अपग्रेड किया जाएगा। वहीं अफसरों ने बताया कि अगर स्मार्ट मीटर उपभोक्ता के घर में लगा है या प्री पेड उपभोक्ता है तो वह पहले और रिचार्ज करा लें, जिससे चार मार्च के बाद भी बिजली का उपभोग कर सकें। इसी तरह स्मार्ट मीटर उपभोक्ता जो माह के आखिरी में बिल जमा करते हैं, ऐसे उपभोक्ता 25 फरवरी से पहले स्मार्ट मीटर का बिल जमा कर दें, क्योंकि बिल न जमा करने पर बिजली चली जाएगी और उपभोक्ता को परेशानी उठानी पड़ सकती है। अभियंताओं के मुताबिक, चाह कर भी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में समस्या आएगी, ऐसे में आठ दिन के भीतर प्री पेड व स्मार्ट मीटर धारक अपने बिल जमा कर दें।