- सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी में ईडब्ल्यूएस कोटे से असिस्टेंट प्रोफेसर बनने पर उठ रहे थे सवाल

- भावुक होकर बोले, मेरे चयन से मंत्री भाई सतीश द्विवेदी की प्रतिष्ठा पर आ रही थी आंच

- दो मिनट में इस्तीफे की जानकारी देकर खत्म की प्रेस कांफ्रेंस, नहीं दिया सवालों का जवाब

SIDDHARTH NAGAR : सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी में कमजोर आय वर्ग के लिए आरक्षित असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ। सतीश द्विवेदी के भाई डॉ। अरुण द्विवेदी की नियुक्ति पर मचे घमासान के बाद बुधवार को नया मोड़ आ गया। मुख्यमंत्री के दौरे से एक दिन पहले मंत्री के भाई ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया। कुलपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। यह जानकारी डॉ। अरुण ने जिला मुख्यालय के एक होटल में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दी। वह दो मिनट छह सेकेंड में अपनी बात कहकर सवालों का जवाब दिए बिना चले गए। डॉ। अरुण 21 मई को मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त हुए थे। दो पदों पर निकली नियुक्ति में एक ओबीसी व दूसरा ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए आरक्षित था।

मुझे बदनाम किया जा रहा

प्रेस कांफ्रेंस में डॉ। अरुण ने कहा कि मेरी नौकरी बड़े भाई की प्रतिष्ठा से बढ़कर नहीं है। गरीब ब्राह्मण होना भी अभिशाप है। मेरे चयन से भाई का नाम जोड़कर उन्हें बदनाम किया जा रहा है। मेरे कारण भाई की प्रतिष्ठा पर आंच न आए, इसलिए इस्तीफा दे दिया। कुलपति ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। डॉ। अरुण ने कहा कि मेरा चयन मेरिट पर हुआ था। मैं मनोविज्ञान में पीएचडी हूं। मेरे 17 पेपर पब्लिश हुए हैं। पुस्तकों का संपादन किया है। नवंबर 2019 में आर्थिक स्थिति के अनुसार ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था। सेवारत युवती से विवाह का प्रस्ताव आया तो अपने जीवन की बेहतरी के लिए किया। इसके बाद डॉ। अरुण चले गए और किसी के सवालों का जवाब नहीं दिया। उधर, कुलपति डॉ। सुरेंद्र दुबे ने बताया कि डॉ। अरुण का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।