लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी समेत पूरे यूपी में इंफ्लुएंजा के सब वैरिएंट एच3एन2 का खतरा बढ़ता जा रहा है। केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी लैब में बीते 30 दिनों के दौरान 15 से अधिक लोगों में इस वायरस की पुष्टि हो चुकी है। राहत की बात यह है कि इनमें से किसी भी मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है। सभी मरीज एक से दो सप्ताह में ही घर पर ही ठीक हो गए हैं।

प्रदेश भर से आ रहे हैं सैंपल

केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में इंफ्लुएंजा एच3एन2 की जांच की सुविधा है। प्रदेश भर से जांच के लिए सैंपल यहां आ रही हैं। रोज 10 से 15 सैंपल जांच के लिए आ रहे हैंं। आरटी-पीसीआर तकनीक से इनकी जांच की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार एक माह के दौरान 15 लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है।

फ्लू से डरने की जरूरत नहीं

माइक्रोबायोलॉजिस्ट प्रो। शीतल वर्मा के मुताबिक यह सीजनल फ्लू है। इससे अधिक डरने की जरूरत नहीं है। मार्च के अंत तक यह अपने आप ही खत्म हो जाएगा। अगर किसी को सर्दी, जुकाम, बुखार, गले में खराश, खांसी या सांस लेने में दिक्कत आये तो बिना लापरवाही किए तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। ऐसे लक्षण दिखने पर बिना डॉक्टर से पूछे कोई दवा या एंटीबायटिक न लें। जिन लोगों में यह लक्षण दिखेंं, वे बाकी लोगों से दूरी बना लें।

वैक्सीन उपलब्ध नहीं

वहीं राजधानी के दूसरे सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट डॉक्टरों के यहां भी बड़ी संख्या में इन लक्षणों से ग्रस्त मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर्स पर भी इस संक्रमण से संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है। इसके बाद भी इंफ्लुएंजा से बचाव के लिए सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन की कोई व्यवस्था नहीं है। इम्युनाईजेशन के नोडल इंचार्ज डॉ। एमके सिंह के मुताबिक अभी वैक्सीन लगाने के कोई दिशा-निर्देश नहीं आये हैं। अगर ऐसा कोई आदेश आता है तो बिना देर किए वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी।

यह एक सीजनल फ्लू है। इससे अधिक डरने की जरूरत नहीं है। संक्रमित लोग दूसरे से दूरी बनाकर रखें। मार्च के अंत तक या गर्मी बढऩे के साथ ही यह खत्म हो जाएगा।

-प्रो। शीतल वर्मा, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, केजीएमयू