- उपभोक्ता परिषद ने उपभोक्ताओं को मुआवजा देने की मांग उठाई

LUCKNOW:

जन्माष्टमी के दिन स्मार्ट मीटर से गुल हुई बिजली मामले में बिजली कंपनियों ने आयोग में गोलमोल जवाब दाखिल किया है। जिससे बवाल मच गया है। उपभोक्ता परिषद ने आयोग से सभी उपभोक्ताओं को मुआवजा देने एवं दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

6 घंटे में बिजली चालू की गई थी

बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग को जवाब भेजा है कि न तो विद्युत वितरण संहिता, 2005 का उल्लंघन हुआ और न ही स्टैंडर्ड ऑफ परफारमेंस के नियम का। 95 प्रतिशत स्मार्ट मीटर बिजली उपभेाक्ताओं की बिजली 6 घंटे में चालू कर दी गई थी और अगले 12 घंटे में 98 प्रतिशत और 24 घंटे के अंदर सभी 100 प्रतिशत उपभोक्ताओं की बिजली चालू हो गयी थी। सिर्फ 1 उपभोक्ता की बिजली दरवाजा बंद होने के चलते नहीं चालू हुई। इस मनगढंत जवाब का पता चलते ही परिषद ने विद्युत नियामक आयोग में जनहित प्रत्यावेदन दाखिल कर कंपनियों द्वारा आयोग को गुमराह करने का आरोप लगाते हुये सभी स्मार्ट मीटर बिजली उपभोक्ताओं को मुआवजा देने की मांग उठाई।

तैयार की मनमानी रिपोर्ट

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली कंपनियों ने मनमानी रिपोर्ट पेश की और चौंकाने वाली बात यह है कि उपभोक्तावार रिपोर्ट तैयार हो गई लेकिन सरकार के निर्देश में बनी दोनों जांच कमेटी की रिपोर्ट आज तक नही आई। कंपनियां यह भूल गईं कि जब स्मार्ट मीटर बिजली उपभोक्ताओं की बिजली बकाये पर काटी जाती है और कोई भी उपभोक्ता 10 मिनट में ही भुगतान कर देता है तो उससे कनेक्शन जोड़ने व काटने की फीस 600 रुपए और 108 रुपए जीएसटी मिलाकर 708 रुपए वसूला जाता है। ऐसे में सभी स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को रिवर्स व्यवस्था के तहत 708 रुपए मुआवजा तो देना ही होगा।