लखनऊ (ब्यूरो)। राजा का खजाना किस्से-कहानियों में ही अच्छा लगता है, उसे पाने का लालच बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। शहर में एचएएल के रिटायर्ड सीनियर मैनेजर के साथ हुई ठगी की घटना इसी का उदाहरण बन गई है। एक बुजुर्ग को इंडोनेशिया के राजा का गुप्त खजाना पाने का लालच दिया गया। यह खजाना इंडोनेशिया की एक बैैंक में 19.5 मिलियन डालर यानि करीब 160 करोड़ रुपये की एफडी के रूप में जमा होने का हवाला दिया गया, जो कि राजा की मौत के बाद से लावारिस है। इस जानकारी वाली ईमेल मिलने के बाद सीनियर सिटीजन ठगों के जाल में फंस गए और अपनी जीवन भर की कमाई लुटा बैठे।

160 करोड़ दिलाने का दिया झांसा

इंदिरा नगर के रहने वाले कृष्ण कुमार वर्मा (74) हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में सीनियर मैनेजर के पद से रिटायर हुए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले थूमा रिमी विडोडो नाम की एक अनजान महिला ने उन्हे ईमेल पर बताया था कि वह इंडोनेशिया की बैंक रकियात में चीफ ऑडिटर के पद पर काम करती है। एक गुप्त सूचना यह है कि इंडोनेशिया के पूर्व राजा की 13 अक्टूबर, 2016 को मौत हो चुकी है, लेकिन उसका 19.5 मिलियन अमेरिकन डालर (लगभग 160 करोड़ रुपये) की फिक्स्ड डिपोजिट बैंक में बिना किसी दावेदार के पड़ा है, जिसको वह क्लेम करना चाहती है। इसमें उन्होंने मदद की तो उन्हें इसका 50 प्रतिशत शेयर देंगी।

कागजात बनवाने के नाम पर वसूली रकम

पीडि़त बुजुर्ग के मुताबिक, इस ईमेल को देख उन्होंने सोचा कि अगर इतना पैसा मिल जाता है तो उस रकम को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में जमा करवा देंगे। पीडि़त बुजुर्ग के मुताबिक, उन्होंने थूमा रिमी के द्वारा दिए गए बैंक के ईमेल पते से संपर्क किया तो बैंक अधिकारी ने अपनी सहमति जताई। बैंक अधिकारी ने उन्हें बताया कि रकम क्लेम करने के लिए इंडोनेशिया की सुप्रीम कोर्ट व पुलिस विभाग के सीनियर अधिकारी से कुछ महत्वपूर्ण कागजातों जैसे राजा का डेथ सर्टिफिकेट, बैंक में राजा के फिक्स्ड डिपोजिट का सर्टिफिकेट, पावर ऑफ एटोरनी, एंटी ड्रग या एंटी टेररिस्ट एक्ट सर्टिफिकेट की जरूरत है, जिसे बनवाने के लिए हरलेम नैपिटुलु नामक वकील से संपर्क करना होगा।

बंद हो गए मोबाइल नंबर

पीडि़त ने जब वकील से संपर्क किया तो उनसे लीगल फीस के नाम पर 1,55,500 रुपये और 11,20,000 रुपये अन्य काम के लिए मांगे गए। पीडि़त कृष्ण वर्मा ने अलग-अलग मद में 7,80,800 रुपये वकील के बताए गए अकाउंट में जमा कर दिए, लेकिन उसके बाद से ही न ही उनकी ईमेल का जवाब दिया जा रहा है और न ही जिन नंबरों से कॉल आती थी, उन्हें उठाया जा रहा है।

साइबर थाना में दर्ज कराया केस

साइबर क्राइम थाना प्रभारी मुस्लिम खान ने बताया कि पीडि़त की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच में सामने आया है कि जिस अकाउंट में पीडि़त ने पैसे जमा किए है वह किसी आकाश मिश्रा नाम के व्यक्ति का है। ईमेल और नंबरों के आधार पर जालसाजों की तलाश की जा रही है।