लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां एलडीए की ओर से अवैध निर्माणों को चिन्हित किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ ग्रीन बेल्ट को लेकर भी एलडीए प्रशासन खासा गंभीर है। एलडीए प्रशासन की ओर से पूरे शहर में अभियान चलाकर ग्रीन बेल्ट पर काबिज अवैध कब्जों को चिन्हित करने का काम शुरू किया जा रहा है। अवैध कब्जों को चिन्हित किए जाने के बाद उन्हें हटाकर ग्रीन बेल्ट को खाली कराया जाएगा।

मामले आ चुके सामने

राजधानी में ग्रीन बेल्ट पर कब्जा किए जाने संबंधी कई मामले सामने आ चुके हैैं। हाल में ही एलडीए ने होटल ताज के पीछे ग्रीन बेल्ट पर काबिज अवैध कब्जे को हटाया था। चूंकि इस ग्रीन बेल्ट का काफी बड़ा हिस्सा है, ऐसे में अब एलडीए की ओर से उक्त ग्रीन बेल्ट के अतिरिक्त खाली पड़ी भूमि पर डेवलपमेंट संबंधी कार्य कराए जाने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही ग्रीन बेल्ट पर दोबारा कब्जा न हो, इसको लेकर भी खासी गंभीरता बरती जाएगी और मॉनीटरिंग के लिए टीमें बनाई जाएंगी।

20 प्रतिशत पर कब्जा

राजधानी में 20 प्रतिशत से अधिक ग्रीन बेल्ट पर कब्जा होने की आशंका है। ग्रीन बेल्ट को कब्जा करके उक्त स्थान पर कॉमर्शियल प्रतिष्ठान बन गए हैैं या किसी दूसरे रूप में उक्त स्थान का यूज किया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए ही एलडीए प्रशासन की ओर से ग्रीन बेल्ट को लेकर सर्वे इस माह के आखिरी सप्ताह से शुरू हो जाएगा।

कई बिंदुओं पर बनेगी रिपोर्ट

ग्रीन बेल्ट से जुड़े सभी प्वाइंट्स की जानकारी प्राधिकरण के पास है। ऐसे में अब प्राधिकरण की टीम एक-एक प्वाइंट पर जाकर ग्रीन बेल्ट की वर्तमान स्थिति को देखेगी। इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि अगर ग्रीन बेल्ट पर कब्जा हो गया है तो कितने समय से कब्जा है और किसकी ओर से कब्जा किया गया है। इन सभी बिंदुओं के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी और उसे प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों के पास भेजा जाएगा। इस रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस रिपोर्ट को ऑनलाइन फीड भी किया जाएगा। जिसके बाद कोई भी व्यक्ति यह आसानी से जान सकेगा कि ग्रीन बेल्ट कहां कहां है।

नक्शों की भी जांच शुरू

वहीं दूसरी तरफ एलडीए की ओर से कॉमर्शियल प्रतिष्ठानों के नक्शों की जांच शुरू करा दी गई है। इस रिपोर्ट को भी कई बिंदुओं पर तैयार किया जा रहा है। मुख्य रूप से यह देखा जा रहा है कि कहीं आवासीय नक्शे पर तो कॉमर्शियल प्रतिष्ठान नहीं बना है। अगर ऐसा होता है तो तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाएगी।