लखनऊ ब्यूरो। आईआईएम चौराहा पर फ्लाईओवर निर्माण के चलते हजरतगंज की तरफ जाने के लिए सीतापुर रोड पर उल्टा 2 किमी सफर तय कर वापस मडिय़ांव जाने के लिए विपरीत दिशा में आईआईएम चौराहा आए। जिसमें करीब 35 से 40 मिनट का समय लगाए जबकि यह पैच केवल 50 मीटर का है। फ्लाईओवर निर्माण के चलते इसे ब्लॉक कर दिया गया है। इस रोड से आने वाले वाहनों को सीतापुर की तरफ करीब डेढ़ से दो किमी आगे जाने के बाद कट से वापस विपरीत दिशा में आईआईएम चौराहे पर आकर मडिय़ांव की तरफ भेजा जा रहा है।

जान हथेली में लेकर क्रास करते हं बाइक सवार
50 मीटर के पैच के चलते डेढ़ से दो किमी का सफर न करना पड़े इसलिए बाइक सवार जान जोखिम में डाल देते हैं। वे हाईवे पर डिवाइडर के बीच बाइक चढ़ाकर क्रास करते हैं। जिससे वे हादसे का भी शिकार हो सकते हैं। इस कट पर किसी पुलिसकर्मी की ड्यूटी नहीं लगाई गई है।

हर समय लगा रहता है जाम
आईआईएम चौराहे पर चारों तरफ से हैवी ट्रैफिक लोड फ्लो होता है। सुबह 7 बजे से रात 12 बजे तक यहां जाम की स्थिति बनी रहती है। फ्लाईओवर निर्माण के चलते हालात और नाजुक हो गए हैं। चौराहे पर स्थित पुलिस चौकी के सभी पुलिस कर्मियों के साथ-साथ हर दिन चौबीस घंटे 12 पुलिस कर्मी व ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगाई जाती है। हालांकि ट्रैफिक पुलिस के दो जवानों की ड्यूटी रहती है। मडिय़ांव पुलिस मौजूद रहती है। निर्माण विभाग से भी दो गार्ड को लगाया जाता हैैं।

सरकारी विभागों की मनमानी बढ़ाती है परेशानी
हैवी ट्रैफिक लोड और व्यस्त चौराहा होने के बाद भी परिवहन विभाग की बसों की मनमानी चलती रहती है। डग्गामार बस, आटो टैैंपो चौराहे पर गाड़ी रोक कर सवारियों के भरने व उतराने का काम करते हैं। वहीं जल्दी निकलने की चाहत में दो पहिया वाहन स्वामी रॉन्ग साइट गाड़ी दौड़ते हैं।

सिग्नल बंद, ट्रैफिक कंट्रोलर की अनदेखी
इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा पर ट्रैफिक सिग्नल बंद होने के चलते चारों तरफ से ट्रैफिक मूव कर रहा था। ट्रैफिक कंट्रोलर होने के बाद भी ट्रैफिक पूरी तरह अनियंत्रित दिखाई दिया। इस प्वाइंट पर जानकीपुरम से आने वाला ट्रैफिक अलीगंज व मुंशी पुलिया की तरफ जाता है और इंजीनियरिंग कॉलेज ओवर ब्रिज की तरफ से आने वाला ट्रैफिक टेढ़ी पुलिया व अलीगंज की तरफ जाता है। कहने को चौराहे पर पुलिस कर्मी मौजूद रहते हैं, लेकिन ट्रैफिक का मूवमेंट कराने की जगह पर चौराहों के किनारे खड़े नजर आए। एक ट्रैफिक होमगार्ड जूझता नजर आया, लेकिन उसकी कोई सुन नहीं रहा था।

ई रिक्शा के चलते लगता है जाम
इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर ई रिक्शा व आटो का मकडज़ाल फैला है। सवारियां भरने के चक्कर में ये बीच रोड पर गाड़ी खड़ी कर देते हैं जिससे जाम की स्थिति बनीं रहती है। पुलिस की मौजूदगी के बाद भी ई रिक्शा का मकडज़ाल पूरे इलाके में फैला हुआ हैैं।

कट का दर्द बन रहा बेदर्द
आगे बढऩे पर रीजेंसी हास्पिटल के सामने कट के चलते जाम की स्थिति बनीं रहती है। यहां पर कोई ट्रैफिक कंट्रोलर न होने के चलते वाहन स्वामी मनमानी तरीके से रोड क्रास करते हैं। जिससे वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। वहीं कट के ठीक बगल में सवारियां भरने के चलते ई रिक्शा का जमावड़ा लगा रहता है।

रहीम नगर चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल बंद
विकास नगर होते हुए रहीम नगर चौराहे पर पहुंचे तो वहां ट्रैफिक सिग्नल बंद था। जबकि दो सौ मीटर की दूरी पर पुलिस कमिश्नरेट का ऑफिस है। रहीम नगर चौराहे पर न को पुलिस कर्मी और न ही ट्रैफिक पुलिस कर्मी मिला। वहीं वायरलेस चौराहे पर पुलिस कर्मियों के साथ-साथ ट्रैफिक ड्यूटी मुस्तैद नजर आई। इसकी वजह यह है कि पुलिस कमिश्नर ऑफिस से सौ मीटर की दूरी पर वायरल चौराहा है और वहां पर वीवीआईपी मूवमेंट हर समय रहता हैंं।

बादशाह नगर स्टेशन कट पर जाम
जाम से बचने के लिए जब महानगर से निजातगंज की जगह वैकल्पिक मार्ग बादशाह नगर मेट्रो स्टेशन से निकलने का प्रयास किया तो बादशाह नगर स्टेशन के पास बने तिराहा पूरी तरह जाम मिला। करीब पांच मिनट का समय तिराहे को पार करने में लग गया। जिसके बाद पेट्रोल पंप से विपरीत दिशा से ओवरब्रिज पर चढ़कर निशातगंज नवनीत राय द्वार तक पहुंचे।

तीन तरफ का टै्रफिक, एक जवान
निशातगंज ओवरब्रिज से सिकंदर बाग की ओर जाने के लिए नवनीत राय द्वार तिराहे पर सर्वाधिक ट्रैफिक ओवर लोड रहता है। यहां लेखराज के साथ-साथ महानगर की ओर से भी आने वाले ट्रैफिक का प्रेशर रहता है। यहां ट्रैफिक सिग्नल क्रॉस करने में चार से पांच मिनट तक का समय लगता है। ओïवरलोड ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए यहां सिर्फ एक ट्रैफिक कंट्रोलर था। ट्रैफिक लोड के आगे वह भी बेबस नजर आया। वहीं ट्रैफिक सिग्नल बंद होने के चलते वाहन आड़े तिराछे फंसे दिखाई दिए। यहां करीब पांच से सात मिनट का अतिरिक्त समय बर्बाद हुआ।

गोमती ओवर ब्रिज
रॉन्ग साइट चलने वाले बने मुसीबत
गोमती नगर ओवरब्रिज पर रॉन्ग साइड चलने वाले फोर व्हीलर्स मुसीबत का कारण बनते दिखाई दिए। गोमती ओवरब्रिज से गोमती बंधा और सिकंदर बाग की तरफ भी यहां से ट्रैफिक मूव करता है। वहीं सिकंदरबाग व भैसाकुंड की तरफ से रॉन्ग साइट आने वाले की संख्या अधिक रहती है। यहां गाडिय़ां जाम में फंस जाती हैं। यहां पहले ट्रैफिक कंट्रोलर की ड्यूटी रहती थी, लेकिन टीम को यहां कोई ट्रैफिक कंट्रोलर नहीं मिला।

सिकंदरबाग चौराहा
दो बार सिग्नल ग्रीन होने का करें इंतजार
सिकंदरबाग चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल दो बार ग्रीन होने पर ही आप आगे बढ़ सकते हैं। इस चौराहे पर ट्रैफिक प्रेशर अधिक है। यहां ग्रीन सिग्नल 30 और रेड सिग्नल 120 प्वाइंट का है। इसके चलते ट्रैफिक एक बार सिग्लन ग्रीन होने में निकल नहीं पाता है।

यह था रूट
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