- राजधानी के 10 व्यस्त चौराहों पर डबल जेब्रा व स्टॉप लाइन से राहगीरों में फैल रहा कंफ्यूजन

- स्टॉप लाइन क्रॉस करने पर हो रहे चालान, ट्रैफिक पुलिस ने नगर निगम को लिखा था पत्र

LUCKNOW: राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने की कवायद ही पब्लिक के लिये मुसीबत का सबब बन गई है। स्मार्ट सिटी के तहत बनाई जा रही सड़कों पर डबल जेब्रा लाइन व स्टॉप लाइन से कंफ्यूज वाहन चालकों के धड़ाधड़ चालान कट रहे हैं। ट्रैफिक विभाग ने इसे लेकर नगर निगम को पत्र लिखकर इसे सुधारने की गुहार भी लगाई लेकिन, विभाग के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही।

लापरवाही से जारी है कंफ्यूजन

राजधानी में इन दिनों स्मार्ट सिटी के तहत सभी प्रमुख सड़कों पर टेबल टॉप ब्रेकर बनाए जा रहे हैं। सामान्य से कहीं बड़े व ऊंचे यह टेबल टॉप ब्रेकर रोड से गुजरने वाले वाहनों की रफ्तार को धीमी करने में कारगर साबित हो रहे हैं। हालांकि, यही टेबल टॉप राहगीरों के लिये कंफ्यूजन का सबब बन गए हैं। दरअसल, जिन चौराहों पर टेबल टॉप बनाए गए वहां पहले से जेब्रा लाइन बनी हुई थी। टेबल टॉप बनने के बाद ट्रैफिक पुलिस की ओर से नगर निगम को टेबल टॉप के आगे नई जेब्रा लाइन व स्टॉप लाइन बनाने की गुजारिश की गई। जिस पर नगर निगम ने 8 से 10 फीट आगे नयी जेब्रा लाइन व स्टॉप लाइन बना दी।

कट रहे चालान

निगम ने इनके अगल-बगल बनी पुरानी जेब्रा लाइन व स्टॉप लाइन को बिना मिटाये उसके अब यही नयी जेब्रा लाइन व स्टॉप लाइन कंफ्यूजन की वजह बन गई है। यह समस्या 1090 चौराहे, लोहिया चौराहा, डिगडिगा चौराहा समेत 10 चौराहों पर सामने आई है। जहां लोग पिछली लाइन को क्रॉस कर नई लाइन पर वाहन रोक रहे हैं। इनमें से कई चौराहे आईटीएमएस कैमरों की जद में हैं, जहां कंफ्यूजन के चलते वाहन चालकों का चालान हो रहा है। ऐसे वाहन चालक चालान होने पर ट्रैफिक लाइन के चक्कर लगा रहे हैं, पर उनका चालान कैंसिल नहीं हो पा रहा। लिहाजा नगर निगम की गलती का खामियाजा भुगतने को पब्लिक मजबूर है।

बॉक्स।

रोड इंजीनियरिंग कर रही हैरान

स्मार्ट सिटी के तहत निजी कंपनी यूएमटीसी कंपनी को 86 चौराहों पर रोड इंजीनियरिंग का अध्ययन कर सुझाव देने के लिये छह करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। पर, इस कंपनी ने अब तक महज 23 चौराहों का अध्ययन कर सुझाव सौंपे हैं। इनमें से कई चौराहों पर रोड इंजीनियरिंग का ऐसा नमूना पेश किया जा रहा है, जिसे देख हर कोई हैरान है। दरअसल, कई चौराहों पर नई जेब्रा लाइन ऐसी जगह बना दी गई जहां बीच में डिवाइडर व रेलिंग लगी हुई है। लिहाजा, पैदल सड़क क्रॉस करने वालों को आधी सड़क पहुंचने के बाद समझ नहीं आता कि वे जांए तो जांए कहां।