लखनऊ (ब्यूरो)।
नियम- 1
स्कूल मैनेजमेंट स्कूल गेट के बाहर बच्चों को छोड़ने और ले जाने वाले पेरेंट्स के मार्गदर्शन के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारी लगाएं।
ये है हाल
कई स्कूल के बाहर गार्ड तैनात नहीं मिले। कुछ स्कूलों के मेन गेट पर सिक्योरिटी गार्ड दिखे जो सिर्फ बच्चों को अंदर भेज रहे थे।

नियम- 2
गेट के बाहर भीड़ नियंत्रित करने के लिए मैनेजमेंट स्कूल टीचर्स व स्टॉफ की ड्यूटी लगाए। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद व बेंगलुरू में यह व्यवस्था लागू है।
ये है हाल
कुछ स्कूलों में गेट के बाहर नहीं बल्कि गेट के अंदर स्कूल टीचर मिले। बच्चे मेन गेट से अकेले ही बाहर निकलते दिखे।

नियम- 3
स्कूल के बाहर एक ही लेन में पूर्व निर्धारित स्थान पर गाड़ियां खड़ी की जाएं ताकि रोड पर यातायात बाधित न हो।
ये है हाल
स्कूल गेट के बाहर एक नहीं बल्कि दो-दो लेन में स्कूल वैन खड़ी मिलीं। यहीं नहीं स्कूली बच्चों को लेने आए प्राइवेट वाहन आधी रोड से ज्यादा पर खड़े दिखाई दिए।

नियम- 4
स्कूल के बच्चों को एक साथ छोड़ने की जगह कुछ समय के अंतराल पर छोड़ा जाए।
ये है हाल
क्लास एक तक के बच्चों के स्कूल छूटने की टाइमिंग अलग है जबकि अन्य क्लास की छुट्टïी की टाइमिंग सेम है।

नियम- 5
जाम से बचने के लिए प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक क्लास के बच्चों को छुट्टïी के समय अलग-अलग टाइम पर छोड़ा जाए
ये है हाल
बड़ी क्लास की छुट्टïी की टाइम सेम मिली। प्राइवेट व स्कूल वैन बच्चों के इंतजार पर तब तक खड़े रहते है जबतक स्कूल के सभी बच्चे बाहर नहीं आ जाते हैं।

नियम- 6
स्कूल स्टॉफ व आगतुंकों के वाहन परिसर के अंदर खड़े कराएं। स्कूल वैन, प्राइवेट वैन, ऑटो और स्कूल बसें समुचित तरीके से पार्क करायी जाए।
ये है हाल
स्टॉफ को स्कूल कैंपस में गाड़ी ले जाने की इजाजत है लेकिन स्कूल में आने वाले लोग स्कूल कैंपस के बाहर ही व्हीकल खड़ा करते हैं।

नियम- 7
स्कूल बसों द्वारा बच्चों को उतारने व बैठने का काम स्कूल परिसर के भीतर ही किया जाए।
ये है हाल
कोई ऐसा स्कूल नहीं है जहां स्कूल कैंपस के अंदर बसें व वैन जाती हैं। हर स्कूल में गेट पर ही वैन व बस बच्चों को उतार देती हैं।

नियम- 8
स्टूडेंट्स को ट्रैफिक नियम का पालन व गाड़ियों को निर्धारित स्थान पर पार्क करने के लिए जागरूक किया। क्लास में इन निर्देशों को नियमित समझाया जाए।
ये है हाल
स्कूल मैनेजमेंट की तरह से ऐसा कोई जागरूकता अभियान नहीं चलाया जाता है।

छुट्टी के समय लगता है जाम
हजरतगंज हो या फिर गोमती नगर सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम की शिकायत स्कूलों के छुट्टïी टाइम पर आती है। ट्रैफिक व सिविल पुलिस ने कई बार स्कूल मैनेजमेंट के समय मीटिंग कर जाम के हालात को सुधारने के लिए अपील भी की है लेकिन हर बार स्थिति जस की तस रहती है। यहीं नहीं मंडलायुक्त डॉ। रोशन जैकब ने सभी स्कूलों से तीन दिन के भीतर स्कूल गेट के बाहर तैनात किए जाने वाले कर्मचारी का नाम व मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने के लिए कहा था। किसी भी स्कूल ने इस नियम को भी फॉलो नहीं किया।