लखनऊ (ब्यूरो)। संयुक्त प्रवेश परीक्षा पॉलीटेक्निक के सचिव राम रतन ने बताया कि काउंसिलिंग में सीट अलॉट होने के बाद स्टूडेंट्स सीट लॉक फीस जमा कर कॉलेज में एडमिशन लेने नहीं जाते थे। वे न तो एडमिशन लेते थे और न सीट छोड़ते थे, जिससे कई राउंड की काउंसिलिंग के बाद भी खाली सीटों की सही संख्या की जानकारी नहीं मिलती थी और कॉलेजों में कई सीटें खाली रह जाती थीं। कई बार ओपर काउंसिलिंग से ऐसी सीटों को भरना पड़ता था। स्टूडेंट अपनी पसंद का दूसरा कॉलेज मिलने पर होल्ड सीट छोड़ फीस रीफंड वापस ले लेते थे।

अब सीट नहीं रख सकेंगे होल्ड

सचिव ने बताया कि काउंसिलिंग फीस में इजाफा होने से अब स्टूडेंट्स सीट होल्ड नहीं रखेंगे। अगर उन्हें काउंसिलिंग में मिली सीट पर एडमिशन लेना होगा तो वह फीस जमा करेंगे। इसके बाद कॉलेज में जाकर एडमिशन की प्रक्रिया को पूरा कर शेष फीस वहां जमा कर देंगे। इससे काउंसिलिंग के समय सीटों की सही संख्या की भी जानकारी मिल जाएगी। पॉलीटेक्निक में इस बार एडमिशन के लिए 265000 आवेदन आए हैं।

अभी तक सीट लॉ करने के लिए तीन हजार रुपए फीस जी जाती है। इसे बढ़ाकर 12 से 15 हजार रुपए करने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है।

राम रतन, सचिव, संयुक्त प्रवेश परीक्षा पॉलीटेक्निक