लखनऊ (ब्यूरो)। नगर निगम के लाख प्रयासों के बावजूद डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन व्यवस्था पटरी पर आती नजर नहीं आ रही है। वर्तमान समय में ज्यादातर इलाकों में नियमित रूप से वेस्ट नहीं उठ रहा है। जिसकी वजह से भवन स्वामियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ, ईकोग्रीन से जुड़े कर्मचारियों को तीन से चार माह से वेतन भी नहीं मिला है। जिसकी वजह से उनकी भी मुश्किलें बढ़ गई हैैं।

दो से तीन कंपनियों का चयन

ईकोग्रीन कंपनी को टर्मिनेशन नोटिस जारी करने के बाद नगर निगम की ओर से नए सिरे से वेस्ट कलेक्शन के लिए कंपनियों का चयन करने की तैयारी की जा रही है। पूरी संभावना है कि इस माह के अंत तक या अगले माह की शुरुआत में नई कंपनियों के चयन के लिए टेंडर किया जा सकता है। हालांकि, इससे पहले ईकोग्रीन का अनुबंध समाप्त करने के लिए विधिक प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।

40 प्रतिशत घरों से वेस्ट

निगम प्रशासन की ओर से भले ही वेस्ट कलेक्शन के लिए वेंडर्स और अपने कर्मचारियों की मदद ली जा रही हो, इसके बावजूद 40 से 45 प्रतिशत घरों से ही वेस्ट उठ रहा है और वह भी नियमित रूप से नहीं। जिसकी वजह से भवन स्वामियों को इधर-उधर वेस्ट फेंकने को मजबूर हैं। निगम प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि नई कंपनियों के चयन के बाद ही स्थिति में सुधार हो सकेगा। इसी महीने नवरात्र शुरू होने जा रहे हैैं और रमजान भी। ऐसे में निगम प्रशासन के सामने सफाई व्यवस्था मेनटेन रखने के लिए खासी चुनौती है। निगम प्रशासन की ओर से कई इलाकों में विशेष सफाई अभियान शुरू किया जा रहा है।

खाली प्लॉट्स पर नजर

निगम प्रशासन की ओर से खाली प्लॉट्स में वेस्ट फेंकने वालों को भी चिन्हित किया जा रहा है। इसके लिए सफाई कर्मियों को जोनवार जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं जोनल अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैैं कि वे भी नियमित रूप से इलाकों का निरीक्षण करें और सफाई व्यवस्था की रिपोर्ट तैयार करें। अगर उन्हें कहीं गंदगी का ढेर मिलता है तो तत्काल अभियान चलाकर स्थिति में सुधार लाया जाए साथ ही भवन स्वामियों से भी अपील की जाए कि खाली प्लॉट्स में वेस्ट न फेंके।