- शहीदों को नमन कर क्रांति धरा से आगे बढ़ी विजय ज्योति

-सांसद राजेंद्र अग्रवाल, जीओसी मेजर जनरल संजय कुमार विद्यार्थी और ले। जनरल जेएस वर्मा ने रहे मौजूद

Meerut । साल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के स्वर्ण जयंती समारोह में शहीदों और बलिदानियों को समर्पित विजय ज्योति का स्वागत गुरुवार को मेरठ छावनी ने किया। विजय दिवस पर दिल्ली से चारों दिशाओं में निकली विजय ज्योति में उत्तर भारत की ओर निकली विजय ज्योति क्रांति धरा के शहीदों और वीर सपूतों को नमन करते हुए रुड़की की ओर आगे बढ़ गई।

सांसद रहे मौजूद

मवाना रोड स्थित भगत लाइंस में गुरुवार को आयोजित विजय दिवस स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्य अतिथि सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने चाíजंग रैम डिवीजन के जनरल आफिसर कमां¨डग मेजर जनरल संजय कुमार विद्यार्थी और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल जेएस वर्मा ने छावनी में विजय ज्योति का स्वागत किया।

जोरदार स्वागत

विजय ज्योति को सलामी देते हुए जीओसी मेजर जनरल संजय कुमार विद्यार्थी ने कहा कि दिल्ली के नेशनल वार मेमोरियल दिल्ली से निकली चार विजय ज्योति देश को एक सूत्र में बांधते हुए देश के वीरों और वीर शहीदों की शहादत को नमन करेगी।। युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी क्षेत्र खोने के साथ ही उनके 93 हजार सैनिकों के समर्पण किए थे, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा समर्पण था। दुनिया के युद्ध इतिहास में सबसे कम समय के लिए हुए युद्ध में यह सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर दर्ज है जो हमारे लिए एक गौरवशाली युद्ध रहा है। हम देश के उन वीर जवानों को सम्मानित करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

सियाचीन जाएगी

उत्तर भारत की ओर निकली विजय ज्योति गाजियाबाद, मेरठ छावनी होकर रुड़की, अंबाला और जालंधर होते हुए देश के सबसे ऊंचे युद्ध स्थल सियाचिन तक जाएगी।