वाराणसी (ब्यूरो)। नगर निगम भेलूपुर जोन के अंतर्गत आने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ऊपर 40 करोड़ का हाउस टैक्स बकाया है। नगर निगम के भेलूपुर जोन कार्यालय की मानें तो पूर्व में बीएचयू को चल और अचल संपत्ति की कुर्की और एनडी (डिमांड ऑफ नोटिस) वारंट जारी कर चुकी है। इसके बावजूद पिछले 15 सालों से ढुलमुल नीति अपनाई जा रही है। अब जल्द ही नगर निगम की ओर से भारत सरकार को पत्र लिखा जाएगा, जिसकी एक कॉपी नगर विकास मंत्रालय को भी देंगे। वहीं, इस मामले को लेकर बीएचयू ने भी दावा किया है कि टैक्स मामले में नगर निगम से हमारा कोई लेना-देना नहीं है और जहां तक टैक्स जमा करने की बात है तो इस पर अभी विचार चल रहा है.
बीएचयू टैक्स देने के लिए बाध्य
नगर निगम के मुताबिक बीएचयू की स्थापना काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक्ट के तहत हुई है और ये सेंट्रल यूनिवर्सिटी मानी जाती है। जब ये कर बकाए के विरोध में हाईकोर्ट में गए तो कोर्ट ने साफ कहा कि बीएचयू का गठन भले ही केंद्र सरकार की ओर से हुआ हो, लेकिन ये राज्य सरकार की संपत्ति मानी जाएगी। राज्य सरकार की संपत्ति के नाते ये नगर निगम को टैक्स देने के लिए बाध्य है। 2011 में कोर्ट से इस प्रकार की पुष्टि की जा चुकी है। बीएचयू 2004 से ही टैक्स जमा नहीं कर रहा है, जो वर्तमान में ब्याज समेत अब 45 करोड़ के आसपास हो गया है। बीएचयू ने 2011 में पांच लाख के आसपास टैक्स की रकम जमा भी कराए हैं.
आसानी से हासिल करेंगे लक्ष्य
भेलूपुर जोनल कार्यालय के अधिकारी का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष में 19 करोड़ का लक्ष्य मिला है, जिसे वो आसानी से हासिल करेेंगे। साथ ही इस बार 30 करोड़ तक का कर वसूली करके नगर निगम को देंगे। जोनल अधिकारी का मानना है कि 1952 से लेकर अब तक बीएचयू से कर नहीं वसूला गया है, जिसे वो वसूल कर इतिहास बनाएंगे। जिस प्रकार कोतवाली जोन में 28 साल का रिकार्ड तोड़ा है, ठीक उसी प्रकार भेलूपुर में भी इतिहास बनाएंगे.
वर्जन
बीएचयू का एरिया पांच लाख वर्गफीट से भी बड़ा है। बीएचयू एक संवैधानिक संस्था है और ये हाईलेवल का मामला है। इसका फंड जब गर्वमेंट नहीं देगी तब तक हम कर वसूली नहीं कर सकते हैं, लेकिन हम कर वसूली करने का पूरा प्रयास करेंगे.
राजेश अग्रवाल, जोनल अधिकारी, भेलूपुर
गृहकर निर्धारण के संबंध में नगर निगम एवं बीएचयू के मध्य सहमति नहीं बन पाई है। इस दिशा में सार्थक प्रयास जारी है। विचार-विमर्श का विकल्प खुला है.
डॉ। राजेश सिंह, पीआरओ, बीएचयू