-रेल बजट में हाई स्पीड कॉरिडोर को मिला धन, वाराणसी से नई दिल्ली के बीच बुलेट ट्रेन के लिए सर्वे शुरू

-लीडार तकनीक से हो रहा सर्वेक्षण कार्य, सर्वे के बाद कॉरिडोर पर होगा वर्क

-इमेजरी सेंसर से लैस हेलिकॉप्टर महत्वपूर्ण आंकड़ों को कर रहा कैप्चर

::: प्वाइंटर :::

1,10,055

करोड़ रुपये रेलवे के लिए आवंटित

150

निजी ट्रेनों के चलाने की भी चल रही तैयारी

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है, जिसमें 1,07,100 करोड़ रुपये केवल पूंजीगत व्यय के लिए है। उन्होंने बजट पेश करते हुए कहा कि एनआरपी (नेशनल रेल प्लान) 2030 के ड्राफ्ट पर तेजी से काम किया जा रहा है। कहा कि हाई स्पीड कॉरिडोर के लिए भी बजट में इंतजाम किया गया है। इसके पहले बनारस से नई दिल्ली के बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के सर्वे का कार्य स्टार्ट हो चुका है। नये बजट में पैसे की व्यवस्था होने से इसको संजीवनी मिल जाएगा। यूं कहें कि फंड मिल जाने से कॉरिडोर के कार्य में तेजी आ जाएगी।

प्राइवेट ट्रेंस पर जोर

रेलवे 150 निजी ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है। नेशनल रेल प्लान के अनुसार दिल्ली से वाराणसी वाया अयोध्या, पटना से गुवाहाटी, वाराणसी से पटना, हैदराबार से बेंगलुरु, दिल्ली से अहमदाबार वाया उदयपुर, दिल्ली से चंडीगढ़, मुंबई से हैदराबाद और अमृतसर से जम्मू रूट पर हाईस्पीड ट्रेन चलाई जाएंगी।

शुरू हुआ सर्वे

वाराणसी से नई दिल्ली के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन चलाने की दिशा में हाईस्पीड रेल कॉरिडोर कॉर्पोरेशन लीडार तकनीकी से सर्वे शुरू कर दिया गया है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड लाइट डिटेक्शन एंड रेजिंग सर्वे (लीडार) तकनीक को अपना रहा है। जो तीन से चार महीने में सभी आवश्यक विवरण और डेटा मुहैया करा देगी। जबकि सामान्य रूप से इस कार्य में 10 से 12 महीने का समय लगता है। इस विधि से तीन सौ मीटर (दोनों ओर 150 मीटर) क्षेत्र पर सर्वेक्षण किया जा सकता है। दोनों ओर 50 मीटर कॉरिडोर के तीन आयामी (3डी) मानचित्र उपलब्ध कराएगा। स्पष्ट फोटो को प्रदान करने के लिए लीडार सर्वेक्षण के तहत 60 मेगापिक्सेल कैमरे का उपयोग किया जा रहा है।

इन स्थानों को जोड़ेगा कॉरिडोर

दिल्ली वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए इस परियोजना को मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी व अयोध्या जैसे प्रमुख शहरों के स्टेशन को जोड़ने की तैयारी है। नोएडा के जेवर में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी इससे जोड़ने की तैयारी है।

डेवलपमेंट यूं पकड़ेगी रफ्तार

1. वाराणसी- माधोसिंह सेक्शन पर 120 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का निर्माण। लक्ष्य के सापेक्ष 44 किलोमीटर लाइन पूरी। 1250 करोड़ की है परियोजना।

2. हथुआ-भटनी सेक्शन पर सिंगल रेल लाइन का निर्माण। 220 करोड़ का है प्रोजेक्ट।

3. मऊ-गाजीपुर ताड़ीलाइन के बीच वित्तीय वर्ष 2015-16 में नई लाइन का निर्माण डबल लाइन और विधुतीकरण व गंगा पर ब्रिज बनेगा। 1,764 करोड़ की है पूरी परियोजना।

4. औडि़हार-गाजीपुर डबलिंग व इलेक्ट्रिफिकेशन होगा।

5. औडि़हार-जौनपुर सेक्शन में डबलिंग व इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य होना है।

6. छपरा-बलिया सेक्शन डबलिंग व इलेक्ट्रिफिकेशन होगा।

7. बलिया- गाजीपुर सेक्शन में डबलिंग व इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य।

8. भटनी-औडि़हार रेलखंड पर डबलिंग व इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य।

9. फेफना-इंदरा-मऊ-शाहगंज रेलखंड पर डबलिंग व इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य होगा।

रिमॉडलिंग को मूर्तरूप जल्द

कैंट स्टेशन पर प्रस्तावित रेलवे रिमॉडलिंग प्रोजेक्ट को स्पीड मिलेगी। वर्ष 2014-15 वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार के 223 करोड़ की इस परियोजना की आधारशिला रखी गई थी। धीमी गति से कार्य होने के चलते बजट में इजाफा हो गया है। ऑफिसर्स की माने तो परियोजना में शामिल कैंट स्टेशन स्थित प्लेटफार्म नंबर-3 और चार का निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।

बौद्ध धाíमक स्थलों को जोड़ेगी ट्रेन

नये रेल बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया है। इस साल 17 जनवरी को काशी से केवडि़या के बीच सुविधायुक्त ट्रेन चलाकर कवायद शुरू कर दी गई थी। इस प्रकार प्रमुख स्थलों को बनारस से जोड़ने के लिए जल्द ही ट्रेन चलाने की घोषणा हो सकती है। टूरिस्ट्स को आकíषत करने के लिए पिछले दिनों कैंट स्टेशन से बौद्ध धाíमक स्थलों को जोड़ने वाली एक ट्रेन चलाने की योजना थी। इसका प्रपोजल रेलवे बोर्ड में भी भेजा गया है।