-लैब टेस्ट के लिए नहीं करनी होगी जद्दोजहद, हर मरीज का रिकार्ड रहेगा सुरक्षित

-लैब कार्ड में दर्ज रहेगा मरीज के स्वास्थ्य का व्यौरा, हर जांच के दौरान अपडेट होगा कार्ड

अब प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों के लैब टेस्ट का पूरा रिकार्ड सुरक्षित रहेगा। प्रदेश सरकार के निर्देश पर हेल्थ डिपार्टमेंट मरीजों का लैब कार्ड बनाने की प्लानिंग कर रहा है। इस कार्ड में मरीज की हर जांच की कुंडली जुड़ती चली जाएगी। मरीज जब भी अगली बार सरकारी अस्पताल में जांच कराने पहुंचेगा, बस एक क्लिक पर उसके पिछले सारे रिकार्ड अस्पताल में कंप्यूटर के स्क्रीन पर आन रिकार्ड हो जाएंगे। इससे मरीज की बीमारी के बारे में पिछली सारी जानकारी डॉक्टर्स को आसानी से मिल जाएगी और मरीज का बेहतर उपचार हो सकेगा। जल्द ही बनारस समेत अन्य जिलों में ऐसी व्यवस्था शुरू होने वाली है। इस योजना को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय में कागजी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आने वाले कुछ माह में इसे लागू भी कर दिया जाएगा।

तेजी पर चल रहा काम

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इस योजना को प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में दो माह में लागू करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि योजना पर बहुत तेजी से काम हो रहा है। लैब कार्ड सिस्टम शुरू करने का मकसद मरीजों को लंबी लाइन से छुटकारा दिलाना है। इस व्यवस्था से न सिर्फ मरीजों का बल्कि लैब टेक्निशियन्स का भी समय बचेगा और मरीज को बेहतर ट्रिटमेंट मिल सकेगा।

फिंगर प्रिंट भी लैब में रहेगा सुरक्षित

लैब कार्ड बनाने के दौरान मरीज का फिंगर प्रिंट भी लिया जाएगा। अगर मरीज अस्पताल आने के दौरान कार्ड भूल भी जाता है तो उसे परेशान होने की जरूरत नहीं है। लैब में उसके फिंगर प्रिंट से ही उसकी बीमारी के पिछले सारे रिकार्ड मिल जाएंगे। इससे पहले उसने कौन सी जांच कराई है, क्या-क्या परेशानी रही है, ये सारे रिकार्ड आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे।

हादसे के दौरान भी कार्ड होगा कारगर

इस कार्ड का फायदा एक्सीडेंट के दौरान भी मिलेगा। कोई व्यक्ति अगर हादसे में घायल हो जाता है, और उसे अस्पताल पहुंचाया जाता है तो गंभीर स्थिति में मरीज के बिना बताए भी उसका थंब इंप्रेशन लेकर उसकी पहचान हो सकती है, साथ उसकी पिछली बीमारियों का रिकार्ड डाक्टर्स के पास उपलब्ध हो जाएगा।

एंबुलेंस में भी लैब बनाने की योजना

हेल्थ डिपार्टमेंट नार्मल एंबुलेंस में भी एडवांस लैब बनाने की व्यवस्था कर रहा है। जिससे मरीजों का घर से हॉस्पिटल तक लाने के दौरान ही उसके सारे लैब टेस्ट हो जाए। अधिकारियों का मानना हैं कि एंबुलेंस में आने वाले मरीज के लिए वह समय गोल्डेन आवर होता है। इस समय का उपयोग कर मरीज के इलाज में आसानी होगी। डिपार्टमेंट की ओर से पहले खेप में प्रदेश के 712 एंबुलेंस में यह व्यवस्था बनाई जा रही है।

डिपार्टमेंट का यह प्रयास काबिले तारिफ है। आने वाले दिनों में मरीज ऑन कॉल हॉस्पिटल पहुंचेंगे। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद सरकारी अस्पताल के प्रति मरीजों का भरोसा और बढ़ जाएगा।

डॉ। अरविंद सिंह एमएस, मंडलीय अस्पताल

ये टेस्ट होंगे दर्ज

यूरिया

हीमोग्लोबिन

एचआईवी

टीबी

किडनी फंक्शन

लीवर फंक्शन

ग्लूकोज

यूरिक एसिड

सोडियम

पोटेशियम

ब्लड डिसार्डर

ब्लड ग्रुप

और भी कई सारे टेस्ट कार्ड में होंगे दर्ज

किसमें कितने मरीज

डीडीयू हॉस्पिटल में रोज पहुंचते है 2000 मरीज

मंडलीय हॉस्पिटल में डेली 1500 मरीज

दोनों हॉस्पिटल में रोजाना होता है 350 मरीजों का लैब टेस्ट