-सीएम की रोडवेज बस के पैसेंजर्स को किराये पर साइकिल देने की योजना हुई फ्लॉप

-एक भी यात्री ने अब तक नहीं ली किराये पर साइकिल

-यह हाल तब है जबकि सपा की ओर से शुरू की गई है साइकिल यात्रा

VARANASI

सपा सरकार ने अपने चार साल पूरे होते ही अपनी ओर से कराए गए कार्यो को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक मई से दस मई तक साइकिल यात्रा शुरू की है। हर रोज समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता साइकिल से गांव-गांव व शहर-शहर की ओर पैडल मार रहे हैं। इस दौरान पब्लिक को सरकार की उपलब्धियों व योजनाओं से अवगत करा रहे हैं, लेकिन एक सुविधा ऐसी भी है जिसे अब तक कोई नहीं जान पाया है। यहां तक कि खुद सपा पदाधिकारी भी इससे अंजान हैं। सीएम अखिलेश यादव की मंशा पर रोडवेज बस के पैसेंजर्स के लिए कैंट रोडवेज बस डिपो में साइकिल की भी सुविधा अवेलेबल कराई गई है। हेडक्वॉर्टर की ओर से सभी रोडवेज बस डिपो में ये साइकिलें मुहैया कराई गई हैं ताकि दूर दराज व रूरल एरिया से रोडवेज बस से सिटी में आने वाले पैंसेंजर्स बस से उतरते ही किराये पर साइकिल लेकर अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें। लेकिन विभाग की ये बेहतरीन योजना फ्लॉप होती दिख रही है। क्योंकि साल भर से अधिक समय हो गया लेकिन एक भी पैसेंजर को अब तक साइकिल किराये पर नहीं दी गई है।

स्टैंड में फांक रही धूल

कैंट रोडवेज बस स्टेशन के बाइक स्टैंड में ही कुल क्क् साइकिलों को चेन से बांधकर रखा गया है। साल भर से खड़ी-खड़ी इन साइकिलों की हवा भी निकल गई है। सोर्स बताते हैं कि जब से साइकिलें रोडवेज बस डिपो में पहुंची हैं तब के बाद किसी भी पैसेंजर को एक बार भी साइकिल किराये पर नहीं दी गई है।

नहीं किया गया प्रचार प्रसार

एक बात यह भी है कि बहुत से पैसेंजर्स को पता ही नहीं है कि रोडवेज विभाग में किराये पर साइकिल देने की कोई योजना भी शुरू की गई है। प्रचार प्रसार न होने के कारण ये सिचुएशन क्रिएट हुई है। साइकिल किराये पर दिये जाने को लेकर न तो बस स्टेशन परिसर में और न ही बसेज में पैम्फलेट, स्टीकर लगाया गया है। किराये पर साइकिल लेने के लिए क्या प्रॉसेस है? इसकी भी जानकारी रोडवेज विभाग की ओर से यात्रियों को नहीं दी जा रही है।

आईडी प्रूफ, गारंटर भी है जरूरी

रोडवेज ऑफिसर्स की मानें तो अब तक एक भी पैंसजर ने किराये पर साइकिल लेने के लिए आवेदन नहीं किया है। साइकिल लेने के लिए पैसेंजर के पास बस टिकट, आईडी प्रूफ के अलावा एक गारंटर भी होना जरूरी है। तभी साइकिल किराये पर दी जाएगी। साइकिल का किराया भी महज पांच रुपये प्रतिदिन रखा गया है।

अभी तक कोई यात्री साइकिल लेने के लिए पहुंचा ही नहीं है। यह हाल लखनऊ सहित कई महानगरों का है।

पीके तिवारी

आरएम, रोडवेज बस स्टेशन, कैंट