वाराणसी (ब्यूरो)भगवान दुर्ग विनायक की जल विहार झांकी का दर्शन कर भक्त निहाल हो उठेहाथ में माला-फूल व लड्डूओं की पिटारी और मन में पार्वती नंदन का जप करते भक्तों की कतार दुर्ग विनायक के दरबार में लगी रहीजिसने भी दर्शन किया वह अपने आप को बड़भागी माना

फूलों से सजा दरबार

दुर्गाकुंड स्थित भगवान दुर्ग विनायक की आषाढ़ माह की तृतीया तिथि पर हरियाली श्रृंगार किया गयाभगवान दुर्ग विनायक को फूल और रंग-बिरंगे फूलों से दरबार सजाया गया थाब्रह्म मुहूर्त में उनका सिंदूर से लेपन किया गयाइसके बाद नूतन वस्त्र धारण कराया गया तत्पश्चात लड्डूओं को भाग लगाइसके बाद भव्य मंगला आरती की गयीतत्पश्चात भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर का पट खोल दिया गया

बर्फ से सजाई झांकी

मंदिर परिसर में एक तरफ बर्फ से भव्य झांकी सजायी गयी तो दूसरी तरफ पूरे मंदिर परिसर को केला, सेब, संतरा और आम की लडिय़ों से सजाया गया थाजल में विभिन्न प्रकार के जलीय पुष्प और पत्तियां सजाई गयी थीइस बार कोरोना महामारी का असर खत्म हो जाने के बाद विधि-विधान से दुर्ग विनायक की जल विहार झांकी सजायी गयी थीमंदिर में दुर्ग विनायक का दर्शन-पूजन करने के लिए सुबह से ही भारी भीड़ रहीभीषण गर्मी से राहत के लिये भक्तो ने लगाई गुहार.

रात तक जुटे भक्त

देर रात तक भक्तों का दर्शन-पूजन जारी रहासायंकाल भव्य भंडारे का आयोजन किया गयाभक्तों में पुड़ी-सब्जी और बुंदियां का वितरण किया गयाप्रसाद ग्रहण करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ रहीसायंकाल सात बजे दुर्ग विनायक की घी और कपूर के दीपकों से विराट आरती पुजारी धनंजय मिश्रा ने कीआरती देखने के लिए पूरा मंदिर परिसर भक्तों से ठसाठस रहासारा कार्यक्रम दुर्ग विनायक मंदिर के व्यवस्थापक पंताड़केश्वेर दुबे के आचार्यत्व में हुआइस अवसर पर मन्दिर के महंत ज्ञानेश्वर दुबे निशांत दुबे अशोक मिश्रा निर्भय उपाध्याय एवं गौरव मौजूद थे.