वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में कड़ाके की सर्दी का असर लोगों की दिनचर्या पर देखने को मिल रहा हैमंगलवार और बुधवार को 15 से 18 किमी की रफ्तार से चली पछुआ हवा ने शहर को कंपा के रख दियाशहर में बुधवार को पछुआ के प्रभाव से कोहरा व धूप तो जल्दी छंट गया, लेकिन हवा के चलते गलन का एहसास होता रहाइसका असर ये हुआ कि रात नौ बजे तक ही शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसर गयाबुधवार को मिनिमम तापमान 8 और अधिकतम 22 डिग्री सेल्सियस रहा

बाजारों पर दिखा असर

कैंट, लंका, गोदौलिया, पांडेयपुर, आंध्रापुल, सारनाथ समेत अन्य इलाकों में चहल-पहल रहीहर पल गुलजार रहने वाले बाजारों में सर्दी का असर देखने को मिलागलन की वजह से सोना, किराना, फल, सब्जी, कपड़ा, मॉल्स, दवा मंडी आदि में रात नौ बजे तक अधिकतर दुकानें बंद हो गईंमौसम वैज्ञानिकों की मानें तो आने वाले दिनों में गलन में और इजाफा होगा.

रहें अलर्ट, बढ़ती ही जाएगी ठंड

मौसम वैज्ञानिक प्रोपांडेय का कहना है कि अब पहाड़ों पर बर्फबारी भी शुरू हो गई हैजैसे ही पहाड़ों से ठंडी हवाएं घाटियों से मैदान का रूख करेंगी, वैसे ही मैदानी इलाके बनारस समेत यूपी में हाड़ कंपाने वाली शीत लहर चलने लगेगीजनवरी से शीत लहर के चलने के आसार हैैंइसमें बच्चे, बुजुर्ग, मवेशियों और फसलों का ख्याल रखने की आवश्कता है.

जनवरी में शीतलहर

मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक मैदानी इलाकों में जनवरी के शुरुआत में शीतलहर का आगाज हो जाएगाउत्तरी दिशा से आने वाली हवाओं के कारण बनारस में ठंड के साथ सिहरन बढऩे लगी हैपछुआ के कारण दिन के तापमान में भी तीन से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गईआने वाले दिनों में आसमान में बादल छाने से सूरज को आंख-मिचौली करना पड़ सकता है.

घटी विजिविलिटी, बरतें सावधानी

शहर और आसपास के इलाकों में सुबह-शाम वातावरण में कोहरे की दस्तक होने लगी हैसुबह कोहरे की वजह से विजिबिलिटी की परेशानी हो रही हैइधर शाम ढलते रोड कोहरे की आगोश में समाने लग रहे हैंदेर रात तक तो विजिबिलिटी लगभग जीरो हो जा रही है

एक नजर में टेम्प्रेचर

डेट मिनिमैक्स.

28 दिसंबर 08 22

29 दिसंबर 7.5 23

30 दिसंबर 09 23.5

31 दिसंबर 08 22

01 जनवरी 07 21

पहाड़ों पर बर्फबारी से मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ रही हैपछुआ ने गलन में इजाफा किया हैआने वाले एक-दो दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के चलते पारा और लुढ़केगाइससे शीत लहर चलेगी और ठंड में धीरे-धीरे वृद्धि हो जाएगी

प्रोएसएन पांडेय, मौसम विज्ञानी