वाराणसी (ब्यूरो)बाबा की नगरी में बड़े-बड़े धोखे अभियान के तहत घाट किनारे से किस तरह से टूरिस्टों के साथ चीटिंग होती है देख लेंगे तो हैरान हो जाएंगेडोमेस्टिक ही नहीं फारेनर्स भी इनके शिकार हो जाते हैकभी बोटिंग कराने के नाम पर चूना लगा देते है तो कभी दिखाने के नाम पर ठग लेते हैयही वजह है कि घाट किनारा पूरा ठगों से भरा रहता हैजिस तरह से मछुआरे मछली की तलाश में पानी में जाल बिछाए रहते है उसी तरह घाट किनारे ठग भी टूरिस्टों को हमेशा ठगने की फिराक में रहते हैक्योंकि गंगा घाट की भव्यता निहारने के लिए डामेटेस्टिक टूरिस्ट के साथ फारनेर्स की भीड़ लगी रहती है.

करनी है बोटिंग तो रहें सतर्क

काशी के घाट की ठाट जग जाहिर हैसुबह हो तो नहाने वालों की भीड़ शाम हो तो घूमने वालों की भीड़घाट किनारे की सुंदरता को निहारने के लिए देश ही नहीं विदेश से भी लोग आते हैघाट घूमने आते है तो बोटिंग करना नहीं भूलते इसके लिए चाहे जितना भी किराया लगे वह देने को तैयार रहते हैयही वजह है कि घाट का किनारा भी धीरे-धीरे ठगों का अडडा बनता जा रहा है

करते मनमानी वसूली

काशी दर्शन को जब कोई टूरिस्ट आता है तो घाट घूमना जरूर चाहता हैघाट किनारे का नजारा देखने जब वह पहुंचता है तो उसके पीछे कई ठग लग जाते हैमैडम आइए अस्सी घाट ले चेले, मैडम यहां आइए आपको नमो घाट की सुंदरता दिखाऊंगाइस तरह कहते-कहते कई टूरिस्ट इन ठगों के चंगुल में फंस जाते हैफिर घाट घुमाने के नाम पर टूरिस्टों से अच्छा-खास धन वसूल लेते हैगाइड जहां घूमाने पर पांच रुपए लेते है तो वहीं ठगों का तो कोई किराया ही नहीं हैकिसी दो हजार वसूल लेते है तो किसी से पांच हजार रुपए तक लेकर चंपत हो जाते है.

ठगों का नहीं कोई ठिकाना

घाट किनारे कोई भी सैलानी जब घूमने के लिए आता है तो ठग का गिरोह दूर से ही लग जाते हैऔर अपने-अपने स्तर से सैलानियों के पीछे लग जाते हैमैडम कहां जाएंगी, सर यहां आइए आपको पचगंगा घाट ले चलते है जहां पांच नदियों का संगम देखने को मिलेगाइसी घाट से देव दीपावली शुरुआत हुई थी इस तरह से सैलानियों को अपने चंगुल में ठग फंसा लेते हैजब घाट घुमाने ले जाते है, इसके लिए वह अच्छी खासी रकम की भी डिमांड करते हैठगों का किराया देने के लिए टूरिस्टों के पास नोट का छुट्टा नहीं रहता है तो दो हजार का नोट देते है तो वह फुटकर कराने के नाम पर ठग रुपए लेकर फरार भी हो जाते हैटूरिस्ट ढूंढते रह जाते है ठगों का ठिकाना नहीं पता चलता है.

बुकिंग में भी हेराफेरी

कई सैलानी ऐसे भी रहते है तो घाट का नजारा गंगा की लहरों पर से देखते हैइसके लिए वह नाव व बजड़ा को बुक कर घाटों की भव्यता को देखते हैअस्सी से राजघाट तक जाने का किराया जहां हजार रुपए होता है वहीं टूरिस्टों से मनमाना किराया वसूला जाता हैएक हजार रुपए की जगह तीन से चार हजार रुपए टूरिस्टों से ऐंठ लिया जाता हैयहीं नहीं घाट इस पार से उस पार जाने के लिए जहां पांच रुपए लगता है वहीं दो से तीन हजार रुपए वसूल लिया जाता है

रेट बोर्ड का नहीं असर

नगर निगम ने ठगों से सावधान रहने के लिए घाट किनारे रेटबोर्ड लगा रखा है लेकिन ठगों पर इसका कोई असर नहीं हैमौका देखते ही टूरिस्टों को ठगने से बाज नहीं आतेरेट बोर्ड तो एक दो घाटों पर लगा है लेकिन ठगों का गिरोह पूरे घाट पर हावी रहता हैटूरिस्टों से मनमाना किराया लेना उनकी आदत बन गयी हैकई बार घरेलू यात्रियों को भी चूना लगाने से पीछे नहीं रहते.

टूरिस्ट पुलिस ऐसे लोगों पर नकेल कसने के लिए घाटों पर तैनात रहती हैकई बार एक्शन भी लिया गयाशिकायत मिलने पर कार्रवाई भी की जाती है.

आरएस गौतम, डीसीपी, काशी जोन

नाव संचालकों के मनमानी पर रोक लगाना चाहिएइससे जो भी टूरिस्ट आते उससे शहर की छवि पर असर पड़ता है.

बच्चा भाई, दुकानदार

नगर निगम द्वारा रेट बोर्ड लगाने के बाद भी कई घाटों पर मनमान किराया वसूली चालू हैघाट के इस पार से उस पार जाने के लिए भी लेते है मोटी रकम.

राधेश्याम, व्यापारी

जल पुलिस के लगने के बाद भी बोटमैन टूरिस्टों से अनाब-शनाब किराया वसूलते हैइस पर प्रॉपर मानीटरिंग होना चाहिए.

भास्कर केशरी, क्षेत्रीय नागरिक