-गंगा किनारे वाले खोजने लगे हैं सुरक्षित ठिकाना

-तेज बहाव के बावजूद जारी है नौकायन

VARANASI

गंगा के जलस्तर में बढ़ाव का क्रम जारी है। इसके चलते शनिवार को कई घाटों का आपसी संपर्क टूट गया। गंगा किनारे रहने वालों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गयी हैं। घाटों पर अपनी आजीविका चलाने वालों ने दुकानें ऊपर सजा ली हैं। तेज बहाव से घाट पर महिलाओं के कपड़ा बदलने के तीन कमरे बह गये। उनमें से एक को मणिकर्णिका घाट पर पकड़ लिया गया इतना ही नहीं दो नावें भी गंगा में बह गई। इसके बावजूद गंगा में नावों के संचालन पर रोक नहीं लगी है।

बदला गया आरती स्थल

गंगा के जलस्तर में हो रहे तेज बढ़ाव को देखते हुए दशाश्वमेध घाट पर हर रोज होने वाली आरती के स्थल को बदल दिया गया है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शनिवार शाम छह बजे तक गंगा का जलस्तर म्ब्.8क् मीटर था। वहीं इलाहाबाद में 78.फ्ख् मीटर व गाजीपुर में भ्भ्.भ्9 मीटर जलस्तर रहा। केंद्रीय जल आयोग के अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार की अपेक्षा शनिवार को जलस्तर के बढ़ाव में दो सेंटीमीटर की कमी जरूर आई है लेकिन बढ़ाव जारी है। बताया कि बारिश के पानी से पानी बढ़ रहा है।

गुम हो रहीं सीढि़यां

घाट किनारे रहने वाले लोगों ने गंगा का बढ़ता जलस्तर देख सुरक्षित ठिकानों की ओर रुख कर दिया है। स्थानीय निवासी राजेश दूबे का कहना है कि गंगा की सीढि़यां पानी में डूब रही हैं। इसके चलते घाटों का आपसी संपर्क टूट रहा है। जो गंगा किनारे जिंदगी बसर करने वालों के लिए बड़ी मुसीबत है। दशाश्वमेध से अहिल्याबाई घाट का रास्ता बन्द हो गया है। मणिकर्णिका घाट से ललिता घाट का संपर्क भी टूट गया है। राजेन्द्र प्रसाद घाट के प्लेटफार्म तक पानी पहुंच चुका है।

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नौकायन जारी, प्रशासन बेखबर

गंगा का जलस्तर खतरनाक तेजी से बढ़ रहा है लेकिन नाविकों पर इसका कोई असर नहीं है। वे सैलानियों का जान खतरे में डाल कर कमाने में लगे हैं। तेज बहाव का हवाला देते हुए नाविकों ने किराया बढ़ा दिया है। खास यह कि प्रशासन भी इसे लेकर पूरी तरह मौन है। जल पुलिस भी नाविकों को गंगा में जाने से नहीं रोक रही है। इस लापरवाही के चलते किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।