वाराणसी (ब्यूरो) बांग्लादेश से अफीम, चरस समेत अन्य ड्रग्स के अलावा नकली भारतीय नोट (एफआईसीएन) की तस्करी की बात तो पहले से ही जगजाहिर है, लेकिन इन दिनों इस रूट से सोने की तस्करी का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है, जिसका गढ़ बनारस बन गया हैगांजा के बाद सोना भी यहां बड़ी मात्रा में लाया जाता हैइसके बाद यहां से आगे, दिल्ली, जयपुर, पंजाब भेजा जाता हैसोमवार को बरामद बिस्कुट स्विटजरलैंड और यूएई का बना हुआ हैपूछताछ के दौरान गिरफ्तार तस्कर ने कई बड़े खुलासे किये हैंवह इससे पहले तीन बार यह काम कर चुका हैउसने यह भी बताया कि किस तरह बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के मालदा के बाद बिहार के रास्ते बनारस तक अवैध सोने की तस्करी का नया सिलसिला शुरू हो गया है

तैयार हो गया है नया सेफ रूट

बनारस में सोने की तस्करी मामले में पिछले दो सालों में तीन गुणा तक की बढ़ोतरी हुई हैइसके लिए अब बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के रास्ते बिहार तक सामान को लाने का एक नया सेफ रूट तैयार हो गया हैबांग्लादेश से अफीम, चरस समेत अन्य ड्रग्स के अलावा नकली भारतीय नोट (एफआईसीएन) की तस्करी की बात तो पहले से ही जगजाहिर है, लेकिन इन दिनों इस रूट से सोने की तस्करी का भी ट्रेंड तेजी से शुरू हो गया है.

पूर्वांचल की मंडियों में होती है खपत

तस्करों द्वारा सोने को बांग्लादेश के बाद पश्चिम बंगाल व बिहार के रास्ते बनारस लाया जाता हैइसके बाद दिल्ली, जयपुर, मुंबई और अजमेर तक ले जाया जाता हैपूर्वांचल की सराफा मंडी होने के नाते बनारस में भी सोने की अच्छी खासी खपत होती हैयही वजह है कि सोने की ईंटों और आभूषणों के रूप में तस्करी की जाती हैगिरफ्तारी से बचने के लिए तस्कर महिलाओं से भी तस्करी कराते हैंमहिलाएं आभूषण पहन कर आसानी से निकल जाती हैं.

तस्कर नदी के रास्ते जाते बांग्लादेश

तस्कर पश्चिम बंगाल से फरक्का बैराज या मालदा के पास से नदी के रास्ते रात के अंधेरे में बांग्लादेश जाते हैं और वहां से सोना लेकर इसी रास्ते से वापस लौटते भी हैंकई ऐसे तस्कर जिनका कोई पुलिस रिकॉर्ड नहीं है, वे सीधे बॉर्डर पार करके ही बांग्लादेश चले जाते हैं और सोना लेकर नदी के रास्ते लौटते हैंये लोग दो किलो या अधिकतम तीन किलो सोना ही एक बार में अपने साथ लाते हैंमाल खपाने के बाद फिर दूसरी ट्रिप के लिए जाते हैं

पांच से छह लाख तक का मुनाफा

बांग्लादेश से तस्करी का सोना पश्चिम बंगाल के बाद बिहार के रास्ते बनारस में लाकर बेचने पर प्रति किलो पांच से छह लाख का मुनाफा होता हैबांग्लादेश में एक किलो सोना 38 से 39 लाख के बीच मिलता है, जो यहां आकर 44 या 44.50 लाख में बिकता हैएक किलो में छह से साढ़े सात लाख रुपये का फायदा होने के कारण इस धंधे में नये लोग भी जुड़ रहे हैं, जिनका पहले से कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है.

अब तक 65 किलो सोना हुआ जब्त

बनारस सोने की तस्करी का गढ़ बनता जा रहा हैअब तक बनारस में डीआरआई, आयकर विभाग और कस्टम ने एयरपोर्ट, कैंट व मुगलसराय रेलवे स्टेशन से 65 किलो से अधिक सोना पकड़ा हैइसमें डीआरआई ने करीब 22 किलो तो कस्टम ने करीब 35 किलो सोना पकड़ा हैवहीं आयकर विभाग ने करीब 11 किलो सोना पकड़ा हैजनवरी 2018 में बिहार निवासी सद्दाम नामक यात्री से कस्टम विभाग द्वारा दो किलोग्राम सोना जब्त किया गया थाफरवरी 2018 में सुरियावां भदोही निवासी राजेश कुमार नामक यात्री से 10 लाख का सोना जब्त किया गया.