मुहल्ले तो मुहल्ले, घाटों पर भी proper सफाई नहीं
सिटी की कॉलोनीज और मोहल्लों से लेकर रोड्स-गलियों और घाटों की सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है।
-जबकि आलम ये है कि कहीं भी प्रॉपर सफाई नहीं हो पा रही है।
-सफाईकर्मियों के कभी कभार आने से जगह जगह कूड़ा बजबजा रहा है।
-घाटों और गलियों की हालत बद से बदतर होती जा रही है
-नगवां से लेकर अस्सी घाट तक अरसे से साफ-सफाई नहीं हुई है।
-हरिश्चंद्र घाट और मणिकर्णिका पर दुनिया भर के लोग आते हैं लेकिन यहां सफाई कभी नहीं होती है।
-घाटों की ओर आने वाली गलियां भी गंदगी से भरी हैं।
-पाण्डेय घाट, लाली घाट, मानसरोवर घाट आदि को वहां मौजूद लॉज और होटल वाले साफ रखते हैं।
-घाट और गलियों की सफाई के लिए एनजीओ की तलाश कर रहा है।
-नगर निगम को इसमें अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली है।
सात सौ और आएं तो बने बात
-सिटी के 90 वाड्र्स में सफाई के लिए नगर निगम के पास सिर्फ ढाई हजार सफाईकर्मी हैं।
-उसे अभी सात सौ और सफाईकर्मियों की जरूरत है।
-सफाईकर्मियों का इंतजाम करने की जिम्मेदारी एक एजेंसी को सौंपी गयी है लेकिन वह नहीं कर पा रही है।
-निगम जैसे-तैसे सफाई कराने का इंतजाम कर रहा है।
-सफाईकर्मियों को जिन बीट्स पर तैनात किया जाता है तो वो वहां भी ठीक से काम नहीं करते हैं।
-शिकायत पर उनके खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला भी चल रहा है।
"सफाईकर्मियों की कमी है। इसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। साफ-सफाई की हर संभव कोशिश की जा रही है। एनजीओ से भी मदद लेने पर विचार किया जा रहा है।
आरपी सिंह, नगर आयुक्त"