वाराणसी (ब्यूरो)। चौकाघाट के क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय परिसर में बुधवार को लगे जॉब फेयर में दोपहर एक बजे तक नौ में छह ही कंपनियां पहुंच सकी थीं। मेले में पहुंचे युवाओं के प्रोफाइल और च्वाइस के हिसाब से पहुंची कंपनियों के पास जॉब्स नहीं थे। सेल्स मार्केटिंग, एडवाइजर, प्राइवेट टीचर समेत अन्य फील्ड जॉब दिए जाने से कई युवा और युवतियां इन पदों के लिए कंपनी को सीवी देने से बचते रहे। रितु ने बताया कि मेरी पहली पसंद ऑफिस और स्कोर जॉब थी। लेकिन, फेयर में आई कंपनियों का जोर फील्ड, सेल्स और मार्केटिंग पर था। वहीं युवकों के पास मनचाहे विकल्प नहीं होने से वे कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराये गए जॉब ऑप्शन में ही अपनी प्रायॉरिटी खोजते दिखे। बीटेक, बीटीसी, एमए, बीएड, बीए, टेट पास, बीकॉम, इंटरमीडिएट, हाईस्कूल, आईटीआई आदि डिग्रियां लिए युवक-युवतियां यहां पर रोजगार की संभावनाएं तलाशते नजर आए। समय से पहले ही कई कंपनियों ने सामान समेत रवानगी ले लिया। यहां पहुंचे तकरीबन 400 में से कुल 71 युवाओं का चयन किया गया.
एचआर का इंतजार
जॉब फेयर में पहुंचे सैकड़ों युवक-युवतियों में कई को एलएंडटी कंपनी के एचआर का इंतजार था। उसके पास सबसे ज्यादा वेतन यानि 18 हजार रुपए प्रति महीने की जॉ़ब थी। इस कंपनी का टेबल सुबह दस बजे से ही खाली था, जो दोपहर के एक बजे तक भी नहीं पहुंच सका था। दूर-दराज यथा गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर और सेवापुरी आदि स्थानों से सफर कर आए युवाओं को बैरंग ही वापस जाना पड़ा.
समय से पहले काउंटर खाली
सुबह-सुबह कार्यालय के खुलते ही बनारस, गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर आदि जनपदों के युवाओं का जमावड़ा शुरू हो गया था। कुछ कंपनियों ने अपने स्टाल पर युवाओं को नौकरी देने संबंधी प्रोसिजर में जुटे रहे। लेकिन, दिन चढऩे के साथ कई टेबल एकदम से खाली हो गए। काउंटर एरिया में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। पेयजल के लिए कई युवा भटकते दिखे.
जाब की आस में सुबह से लगी भीड़
क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय परिसर में मंगलवार को सुबह से ही बड़ी संख्या में युवक और युवतियां पहुंचे। जॉब प्रोफाइल का विवरण और शहर या अन्य क्षेत्र में कार्य करना है आदि की जानकारी के लिए युवक-युवतियां काफी समय एक कंपनी के स्टॉल से दूसरी कंपनी के स्टॉल तक भागमभाग करते रहे। परिसर में अभ्यर्थियों के बैठने और पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं गई.
सेलक्शन-रिजेक्शन पारदर्शी हो
जॉब फेयर में मुगलसराय के रविप्रकाश बीटेक और जौनपुर से पहुंचे ह्रïदय नारायण के पास एमए की डिग्री है। ह्रïदय नारायण बताते हैैं कि जॉब के लिए यहां रजिस्ट्रेशन कर लिया जाता है। ऑन द स्पॉट शैक्षिक प्रोफाइल के हिसाब से जॉब नहीं दिया जाता है। कुछ कंपनियों के एजेंट या कर्मचारी यहां से रजिस्ट्रेशन के बाद अपने हेड ऑफिस में बुलाते हैं। वहां जाने पर फार्मेल्टी के नाम पर अनावश्यक परेशान किया जाता है। जॉब देने में देर करने वाली कार्य प्रणाली अपनाकर रोजगार के नए विकल्प तलाशने पर विवश कर देते हैं।
डिग्री के हिसाब से नौकरी नहीं मिल रही है। फील्ड जॉब यहां है, लेकिन, सेलरी कम है। रहना-खाना और वाहन का खर्च कैसे निकल पाएगा। ये सब बातें अधिकारियों और कंपनी के एचआर को सोचनी चाहिए.
प्रिंस, बीसीए, रामनगर
अब रोजगार कार्यालय में कंपनी की टेबल पर जॉब के लिए चक्कर काट रहा हूं। कोई मनपसंद की कंपनी नहीं आई है, जो मेरी प्रोफाइल के हिसाब से नौकरी दे सके। सुनने में रहा की एक कंपनी अभी रास्ते में है.
मिथिलेश, बीए-आईटीआई, रामनगर
जॉब फेयर में युवाओं को नौकरी मिल रही है। अच्छी बात है। लेकिन, कुछ कंपनी बनारस और लोकल में जॉब देने की बात कहकर सेलेक्शन के बाद नोएडा, राजस्थान और गुजरात भेजने की बात कहती है.
परीक्षित वर्मा, बीएससी, चेतगंज
एक कंपनी का एचआर रास्ते में है, उससे बात हुई है। वह पहुंच रहा है। जॉब फेयर में प्रोफ़ाइल के अनुसार युवाओं को नौकरी कंपनियां दे रही है। जो कंपनी तय समय पर नहीं पहुंची, उनसे जवाब तलब किया जाएगा.
दीप सिंह, रोजगार मेला प्रभारी, सेवायोजना ऑफिस, चौकाघाट