वाराणसी (ब्यूरो)मीरजापुर चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन विंध्याचल में चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया। इस दौरान मां विंध्यवासिनी का विशेष श्रृंगार किया गया जिनका दर्शन कर श्रद्धालु निहाल हो उठे। श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के बाद सीधे दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे। मां विंध्यवासिनी को हलवा, देशी घी, मेवा काजू, बादाम किसमिस व विशेष मीठा का भोग लगाया गया। सबसे ज्यादा फलाहार का भोग लगाया गया। हाथ में नारियल, चुनरी, माला-फूल प्रसाद के साथ कतारबद्ध श्रद्धालु मां की भक्ति में लीन दिखे। सुगंधित फूलों से मां विंध्यवासिनी का भव्य श्रृंगार किया गया था। मंदिर भी प्राकृतिक फूलों व रंग-बिरंगी झालरों से सजाया गया था, जो अलौकिक छटा बिखेर रहा था। थाना कोतवाली मार्ग से मंदिर की तरफ आने वाली लाइन भी काफी लंबी रही। इस कतार से आने वाले श्रद्धालुओं ने सिर्फ झांकी दर्शन किया। कालीखोह और अष्टभुजा धाम में भी श्रद्धालु उमड़ पड़े।

विंध्यधाम के नव्य-भव्य स्वरूप को श्रद्धालुओं ने निहारा

मीरजापुर : गत वर्ष की तुलना में इस बार विंध्यधाम श्रद्धालुओं के सामने नव्य-भव्य स्वरुप में था। इसकी अप्रतिम छटा को देख निहाल हो उठे। मां विंध्यवासिनी मंदिर का परिक्रमा पथ एक तरफ लोगों को सोचने पर विवश कर रहा था, वहीं दूसरी तरफ मंदिर की गलियों में फसाड का ट्रीटमेंट तथा मंदिर को जाने वाले मार्गों को जोड़ने वाले पहुंच मार्ग भी नई ऊर्जा का अहसास करा रहा था।

पक्का घाट से मंदिर तक आने की तस्वीर ही बदली नजर आई

इस बार जो श्रद्धालु गंगा घाट से स्नान कर मंदिर की तरफ बढ़े उनके लिए पूरी तरह तस्वीर बदली नजर आई। पक्का घाट से लेकर मंदिर के प्रवेश मार्ग तक छावनीनुमे खंभे व उस पर उकेरी गई आकर्षक डिजाइन लोगों को विभोर कर रही थी।

पहली बार भव्य गेट से मंदिर में मिला प्रवेश

मां विंध्यवासिनी मंदिर में पहुंचने के लिए कुल सात मार्ग है जिनमें थाना कोतवाली, न्यू वीआइपी, पुरानी वीआइपी, पक्का घाट, जैपुरिया गली, पाठक जी की गली, भट्ट जी की गली शामिल हैं। इनमें चार प्रमुख मार्ग है जो पुरानी वीआइपी, थाना कोतवाली, न्यू वीआइपी, पुरानी वीआइपी व पक्का घाट की गली से श्रद्धालु मंदिर की तरफ प्रवेश करते हैं। इस बार इन चारों मार्गों पर भव्य गेट से श्रद्धालुओं को प्रवेश मिला।

कई प्रकार लाइटों से निखरी विंध्यधाम की आभा, प्लाजा देख हुए अचंभित

पूरब तरफ परिक्रमा पथ से सटे दो मंजिला प्लाजा को देखकर श्रद्धालु अचंभित रह गए। यहां पुलिस बूथ के साथ ही समान रखने की भी व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा पेयजल से लेकर स्वास्थ्य तक की सुविधाएं श्रद्धालुओं को मिली। यही नहीं विंध्यधाम कई प्रकार की लाइटों की रोशनी से पूरी तरह नहा उठा जिसे देख हर श्रद्धालु यही कहते नजर आए कि विंध्यधाम पूरी तरह बदल गया है।