लेटर के जवाब का इंतजार

16 व 17 जून को प्रदेश में आई आपदा का असर चारधाम पर भी पड़ा, किसी से छुपा नहीं। सवाल खड़े हुए कि पहले ही मंदिर समिति पहले ही यात्रियों को मौसम संबंधी जानकारियां उपलब्ध करवा देती तो शायद जानमाल के नुकसान पर काबू पाया जा सकता था। इसको देखते हुए अब बद्री-केदार मंदिर समिति ने निर्णय लिया है कि वह देश के सभी राज्यों में एक सेंटर स्थापित करेगी। मंदिर समिति ने बकायदा इस बारे में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भी भेजा है, जिसमें कहा कि वह अपने राज्यों के राजधानियों में एक सेंटर उपलब्ध कराएं,जहां बद्री-केदार मंदिर समिति अपना कार्यालय स्थापित कर सके। इस कार्यालय व इंटरनेट के जरिए समिति कोशिश करेगी कि आने वाले समय में चारधाम यात्रा संबंधी सभी

जानकारियां उपलब्ध करा सके।

बेडू व तिमला प्रसाद का चढ़ावा

बद्री-केदार मंदिर समिति ने बद्री-केदार को चढऩे वाले आयातित प्रसाद पर अब संभवत: ब्रेक लगाने का मन बनाया है। समिति का तर्क है कि हजारों बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के साथ स्थानीय जंगली फल-फूल बेडू, तिमला जैसे वनस्पितिक जड़ी-बूटियों को बढ़ावा देने की कोशिश की जाएगी। जेएंडके की फेमस यात्रा अमरनाथ में उदाहरण देते हुए मंदिर समिति का मानना है कि प्रसाद के तौर पर बेडू, तिमला को प्रयोग में लाया जाएगा, जिससे पर्यावरण संतुलन बने रहने के साथ जंगलों से पलायन हो रहे बंदर, जानवरों पर भी रोक लग सकेगी। वहीं बेरोजगारों को रोजगार मिल सकेगा। टेंपल कमेटी ने बकायदा इसके लिए पंतनगर यूनिवर्सिटी को तकनीक डेवलेप करने के लिए पत्र भी भेजा है। वही वन विभाग से राय लेने के लिए पत्र भेजा है।

दिल्ली के उद्योगपति लेंगे दीवाली की जिम्मेदारी

आपदा के बाद उत्तराखंड के चारधाम में पस्त हो गए हैं। यात्रियों की तादाद न के बराबर होने के कारण धामों में चढ़ावा भी घट गया है, लेकिन चारधाम के भक्तों में भक्ति दोगुनी बढ़ गई है। दीपावली के मौके पर दिल्ली के एक उद्योगपति ने बद्रीनाथ में पूरे मंदिर परिसर को फूलों व रोशनी से जगमगाने का निर्णय लिया है। टेंपल कमेटी के सीईओ बीडी सिंह के मुताबिक दीपावली पर बद्रीनाथ में जितना खर्चा आएगा, दिल्ली के उद्योग पति खर्च करेंगे। फूलों की खरीदारी भी बद्रीनाथ के पास से ही होगी, जिससे स्थानीय लोगों का फ्लोरोकल्चर में दिलचस्पी बढ़ेगी।