देहरादून (ब्यूरो) । पुलिस ने डबल मर्डर के आरोपी आदित्य को एक अक्टूबर को ही दबोच लिया था। लेकिन, पुलिस चाहती थी कि आरोपी को तभी सामने लाया जाए, जब उसके पास से सारे सबूत भी मिल जाएं और हत्या का आरोपी खुद भी गुनाह कबूल कर ले। आरोपी के अरेस्टिंग के बाद करीब 12 घंटे तक पुलिस उससे पूछताछ करती रही। उसके बाद आरोपी ने पुलिस को जो बताया, वह चौंकाने वाला रहा। 19 वर्षीय आरोपी आदित्य धौलास में मृतक उन्नति के घर पर पहले काम कर चुका है। बदले में उन्नति ने रोजाना 500 रुपए के हिसाब से उसको दिहाड़ी दी। ये एक दिन की दिहाड़ी भी खुद राजकुमार ने अपने हाथों से दिए।

विला का ठाठ देखकर सन्न था
-एक दिन की दिहाड़ी 500 रुपए।
-नौकर राजकुमार सर्वेंट रूम में नहीं, घर में रहता है।
-उन्नति ने नौकर को दिए थे पूरे अधिकार।
-राजकुमार के पास पैसों का रहता था अधिकार।

उन्नति ने शोरूम में नौकरी तक लगाई
पुलिस की मानें कुछ दिनों तक विला में काम करने के बाद जब आरोपी आदित्य ने ये चीजें देखी तो उसने फैसला किया कि वह विला में ही एंट्री करेगा। उसके बाद मृतिका उन्नति से उसने दोबारा नौकरी की डिमांड कर डाली। बदले में उन्नति ने कहा कि वह उसकी नौकरी दूसरे जगह लगा देगा। उन्नति ने फूलसनी इलाके में आरोपी की एक शोरूम में नौकरी लगाई। लेकिन, उसकी निगाहें धौलास विला पर ही टिकी थी।

आरोपी मां के साथ अकेला
डबल मर्डर का आरोपी अपनी मां के साथ अकेला रहता है। वह आर्मी में जाना चाहता था। एक बार कोटद्वार में भर्ती होने गया, सलेक्ट नहीं हो पाया। उसके बाद वह धौलास में आया और एक पट्टे की जमीन लेकर रहने लगा। इसी बीच नौकरी मांगने के लिए मृतका उन्नति के पास तक आ पहुंचा।

बीमारी का बहाना बनाकर हॉस्पिटैलाइज
हत्या के आरोपी को आभास होने लगा था कि पुलिस उसके करीब पहुंच चुकी है। इसी बीच उसने बचने के लिए बीमारी का बहाना लगाया और 108 एंबुलेंस बुलाकर दून अस्पताल में एडमिट हो गया। पुलिस को इसकी भनक लगी, डॉक्टरों से पूछताछ की तो डॉक्टरों ने किसी बीमारी से इनकार कर दिया।

उन्नति को नहीं मारना चाहता था
पुलिस को आरोपी ने बताया कि वह उन्नति को मारना नहीं चाहता था। लेकिन, उसको शक होने लगा कि जब नौकर पर उसने हमला बोला तो उन्नति चश्मदीद न बन जाए, उसको भी मौत के घाट उतार डाला। आरोपी ने बताया कि उसको बाद में अहसास हुआ कि उन्नति को तो राजकुमार की हत्या तक का पता नहीं था।