जनरली लोग अपने बिजनेस कार्ड को ही सोशल ओकेजंस पर दिए जाने वाले विजिटिंग काड्र्स की तरह यूज करते हैं, जबकि सोशल गैदरिंग्स या नॉन फॉर्मल रिलेशंस के लिए ऐसे काड्र्स सही नहीं हैं. आपके बिजनेस कार्ड में ज्यादा से ज्यादा आपके ऑफिस में आपका डेजिग्नेशन, ऑफिशियल मेल आईडी, आपकी डेस्क का एक्सटेंशन नंबर और आपका ऑफिशियल कांटैक्ट नंबर दिया होगा. ये इंफॉर्मेशन एक नॉन फॉर्मल इंट्रोडक्शन के लिए बहुत नहीं है. अगर आप सोशलाइजिंग अक्सर करते हैं और अपनी प्रोफेशनल लाइफ के सिवा भी कुछ और फील्ड्स में एक्टिव हैं तो एक अलग कॉलिंग कार्ड आपके लिए जरूरी है.

The right kind of cardVisiting card tips

आपका कॉलिंग कार्ड आपकी पर्सनैलिटी और काम को सूट करता हुआ होना चाहिए. एक फैक्ट ये है कि सही कलर स्कीम, सही फॉन्ट और सही इन्फॉर्मेशन कॉलिंग कार्ड रखने का पर्पज सॉल्व कर देते हैं. इसके बावजूद अगर आप अपने कार्ड को कुछ अलग तरीके से कस्टमाइज कराना चाहें तो फोल्डिंग काड्र्स चुन सकते हैं. या बैक में कोई अपीलिंग डिजाइन बनवा सकते हैं. ये सेलेक्शन आपके काम से रिलेटेड होना चाहिए.

What to write on it?

आपके कॉलिंग कार्ड पर लिखी इन्फो बिजनेस कार्ड से अलग होनी चाहिए. इस पर इन्फो ज्यादा डिटेल्ड और पर्सनल हो सकती है. जरूरत से ज्यादा इन्फॉर्मेशन डालकर इसे भरा-भरा दिखाने से बचें. ये इन्फॉर्मेशन आप अपने कार्ड पर डाल सकते हैं...

  • अपनी पहचान

    अगर आप राइटर हैं तो ये इन्फो आपके बिजनेस कार्ड पर नहीं हो सकती. इसे आप कॉलिंग कार्ड पर डाल सकते हैं.

  • आपके कांटैक्ट नंबर

    इसमें आप अपने ऑफिस या घर का नंबर दे सकते हैं.

  • आपकी ईमेल आईडी

    पर्सनल मेल्स आप ऑफिशियल आईडी पर नहीं चाहेंगे. सो पर्सनल आईडी मेंशन करें.

  • सोशल नेटवर्किंग साइट पर प्रिजेंस

    अपना ट्विटर या एफबी आईडी भी दे सकते हैं.

  • ब्लॉग या वेबसाइट

    अपने काम से रिलेटेड या पर्सनल ब्लॉग या वेबसाइट हो तो वो भी इस कार्ड पर मेंशन करें.

  • ऑफिस इन्फो

    ऑफिस से रिलेटेड कुछ इन्फॉर्मेशन आपके पर्सनल लिंक्स में भी काम आ सकती है. अगर आप अपने ऑफिस या कंपनी में सीनियर पोजिशन पर हैं तो इसे भी मेंशन कर सकते हैं.

आपका विजिटिंग कार्ड आपके लिए महज एक फॉर्मेलिटी हो सकता है लेकिन अगर तरीके से यूज किया जाए तो ये नेटवर्किंग का एक बेहतरीन टूल बन सकता है.