पं राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य)। Diwali 2021 : दिवाली का पर्व धन-ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए बहुत खास माना गया है। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन करना अनिवार्य होता है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी के विधिविधान पूजन के साथ ही कुछ खास उपाय करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है। घर में सुख-समृद्धि आती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। जीवन से कष्टों से मुक्ति मिलती है।

दीपावली पर करने वाले आवश्यक कार्य
*अपने घर,कार्य स्थल आदि में नित्य प्रयोग में आने वाले उपकरणों, बहीखातों,डायरी, कलम आदि में कलावा -बांधें तथा उन्हें पुष्प,अक्षत और कुमकुम अर्पित करके *ॐ महाकालये नमः मंत्र का उच्चारण करें।
*दीपावली की रात पूजा के बाद घर के प्रत्येक कमरे में शंख बजायें।इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
*दीपावली के दिन किसी गरीब सुहागिन स्त्री को सुहाग सामग्री दान दें।इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
*लक्ष्मी जी को घर मे बनी खीर का भोग लगाएं, बाजार की मिठाई का नहीं।
*पूजन स्थल पर आम के पत्तों का बंदनवार लगायें।बरगद के पांच और अशोक वृक्ष के तीन पत्ते भी लाएं।बरगद के पत्तों पर हल्दी मिश्रित दही से स्वास्तिक चिन्ह बनायें तथा अशोक के पत्तों पर श्री लिखें।पूजा में इन पत्तों को रखें।पूजा के बाद धन रखने के स्थान पर इन्हें रखें।
*पूजा में मां लक्ष्मी के चरणों मे एक लाल तथा एक सफेद हकीक पत्थर रखें।दोनों के योग से चंद्र-मंगल योग बनता है।पूजा के बाद इन्हें अपने पर्स में रखें।
*दीपावली की रात को पूजा के बाद लक्ष्मी जी की आरती न करें।श्री सूक्त,लक्ष्मी सूक्त,पुरुष सूक्त आदि का पाठ कर सकते हैं, आरती नहीं।पूरी रात लक्ष्मी जी का आवाहन करना चाहिए।
*लक्ष्मी जी समुद्र से उत्पन्न हुई हैं और समुद्र से ही उत्पन्न दक्षिणावर्ती शंख,मोती शंख,कुबेर पात्र,गोमती चक्र आदि उनके सहोदर हैं।अतः दीपावली पूजन में इन वस्तुओं को रखना चाहिए।लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होगी।
*दीपावली के दिन तिजोरी में प्राणप्रतिष्ठित कुबेर यंत्र रखें।ऐसा करने से धनागमन होता रहता है।
*दीपावली के दिन स्फटिक श्री यंत्र स्थापित करके 16 ऋचाओं वाले श्री सूक्त श्लोक का नियमित रूप से पाठ करें।समृद्धि मिलेगी।
*आर्थिक स्तिथि में उन्नति के लिए दीपावली की रात सिंह लग्न में श्रीसूक्त का पाठ करें।श्रीसूक्त में 15 ऋचाएं हैं।प्रत्येक श्रीसूक्त है।प्रत्येक ऋचा अति शक्तिशाली है।सिंह लग्न मध्य रात्रि में होता है।उस समय लाल वस्त्र धारण कर लाल आसान पर बैठकर विष्णु-लक्ष्मी की तस्वीर के सामने शुद्ध घी का बड़ा दीपक जलायें।श्रीसूक्त का 11 बार पाठ करें।फिर हवनकुंड में अग्नि प्रज्वलित करें और श्रीसूक्त की प्रत्येक ऋचा के साथ आहुति दें।तत्पश्चात थोड़ा जल आसान के नीचे छिड़कें।

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