हैरानी हुई ना टाइटिल पढ़ कर पर क्‍या करें हम भी उतने ही हैरान हैं जितने आप की कि एक सांग के लिए इतनी सारी बीयर बॉटल्‍स का यूज क्‍यों किया गया और कैसे सेंसर इसे नजर अंदाज करेगा चलिए ये तो अब फिल्‍म देखने पर ही पता चलेगा.


इस बात पर आप चाहे बिलीव करें या ना करें पर शाहिद कपूर और सोनाक्षी सिन्हा की अपकमिंग फिल्म रैंबो से जुड़े सोर्सेज का कहना है कि फिल्म में कुछ 10,000 बीयर बॉटल्स यूज की गई हैं जिनका काफी वाइटल रोल है. फिल्ममेकर्स ये क्लेम कर रहे हैं कि इस फिल्म में इतनी बॉटल्स यूज हुई हैं. ये भी माना जा रहा है कि स्टार्स के साथ-साथ इन बॉटल्स का भी इंपॉर्टेंट रोल है और इन्हें भी उतनी ही इंपॉर्टेंस दी जा रही है जितनी स्टार्स को. हो सकता है कि सेट पर किसी को ये टास्क दिया गया हो.


आजकल हर फिल्म में ये साफ तौर पर स्पेसिफाई किया जाता है और लोगों को ये मेसेज दिया जाता है कि ड्रिंकिंग और स्मोकिंग कितनी हार्मफुल है. ऐसे में ये सोचने वाली बात है कि कैसे इतनी सारी बियर बॉटल्स कंसर्न्ड अथॉरिटीज से पास होंगी. जब भी स्क्रीन पर कोई सिग्रेट जलाता है या ड्रिंक करता है तो साथ में एक स्टैचुरी वॉर्निंग भी दी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि सेंसर बोर्ड और हेल्थ मिनिस्ट्री को लगता है कि बॉलीवुड स्मोकिंग और ड्रिंकिंग को ग्लैमराइज करता है.

क्योंकि यह एक एक्शन फिल्म है इसलिए इसमें शाहिद अपने ज्यादातर स्टंट्स और फाइट सीक्वेंसेज बीयर बॉटल्स के साथ करते दिखेंगे. सिर्फ इतना ही नहीं, सोनाक्षी ने भी कुछ एक सींस में इन बॉटल्स के साथ स्टंट किए हैं. इतनी सारी बॉटल्स की फिल्म में क्या जरूरत थी? यह सवाल जब फिल्म के प्रोड्यूसर विकी राजानी से पूछा गया तो उनका कहना था, ‘इनका यूज फिल्म के देसी बार सॉन्ग गंदी बात के लिए हुआ है. यह आइडिया प्रोडक्शन डिजाइनर नितिन देसाई का था जिसकी वजह से सॉन्ग में काफी कलर्स एड करने में हेल्प मिली है.’ वो ये भी कहते हैं कि बीयर बॉटल्स ने फिल्म के सेट पर एक फ्लेवर भी एड किया है.

Posted By: Kushal Mishra