दुनिया में पानी की समस्‍या एक विकराल समस्‍या के रूप में जन्‍म ले रही है. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने पानी की समस्‍या को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. जिसके मुताबिक तकरीबन 74.8 करोड़ लोगों को नियमित रूप से साफ पानी नहीं मिल रहा है. इसके साथ ही करीब 18 लाख लोगों को दूषित पानी से अपनी जरूरतें पूरी करनी पड़ रहीं हैं. पानी के अभाव की वहज से करीब 100 करोंड़ लोगों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ रहा है.

लाखों लोगों तक पहुंचा स्वच्छ जल
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ग्लास 2014 नाम से एक रिपोर्ट जारी की है. डब्लूएचओ हर दो साल में अध्ययन करता है. जिसमें लोगों के स्वास्थ्य और उनके जीवन से जुड़ी जरूरी चीजे ही बिंदु होते हैं. इस साल के संस्करण को जल और स्वच्छता में निवेश, असमानता को कम करने और पानी के उपयोग में बढोत्तरी नाम से तैयार किया गया है. जिसमे यह बात सामने आई है कि पिछले दो दशकों में पीने के साफ पानी तक 23 लाख लोगों की पहुंच बढ़ी है ओर इस दिशा में प्रयास जारी है.

 

25 लाख लोग हैं सफाई के अभाव में
रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि दुनिया में 25 लाख लोग सफाई के अभाव में रह रहे हैं और 100 करोड़ लोगों को खुले में शौच जाना पड़ रहा है क्योकि मुख्य रूप से पानी की समस्या है. वहीं ग्रामीण इलाकों में हर 10 में से नौ लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं. तकरीबन 74.8 करोड़ लोगों को नियमित रूप से साफ पानी नहीं मिल रहा है. इसके साथ ही  करीब 18 लाख लोगों को गंदे पानी से अपनी जरूरतें पूरी करनी पड़ रहीं हैं., जिससे उनमें बीमारी फैलने का खतरा अधिक होता है.

 

संगठन का प्रयास प्रगति पर
इसी समय चक्र में डायरिया से मरने वाले बच्चों की मौत का कारण काफी हद तक स्वच्छता से जुड़ा हुआ था. हालांकि डायरिया से होने वाली मौतों का स्तर काफी हद तक घटा है, क्योंकि 1990 में यह संख्या 15 लाख थी जो कि 2012 में घटकर छह लाख रह गई. डब्ल्यूएचओ में सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण विभाग की निदेशक मारिया नेरा इन सुधारों की करते हुए कहा है कि हमारे संगठन का प्रयास प्रगति पर है लेकिन अभी भी यह आंकड़ा काफी बड़ा है. अध्ययन में साफ-सफाई के महत्व पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा गया कि 75 फीसदी धनराशि का प्रयोग लोगों को पीने का स्वच्छ पानी मुहैया कराने के लिए किया जा रहा है. जो एक बेहतर कदम है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh