सिल्वर स्क्रीन पर कहानियों को एक नए अंदाज में पेश करने वालों में अनुराग कश्यप का नाम लिया जाता है. उनकी फिल्मों में वही दिखता है जैसा हम देखना चाहते हैं. फिल्म देव डी इसका उदाहरण हैं. पर्सनल से लेकर रील लाइफ में रिलेशनशिप का ताना-बाना भी वह कुछ उसी अंदाज में बुनते हैं.

अनुराग कहते हैं कि उन पर अलग फ़िल्म दिखाने का आरोप पहले से ही लगता आया है, वे कहते हैं कि फिल्म बनाने से पहले वे अपने चारों तरफ़ देखते हैं. लोगों से बातचीत करते हैं.  उन्होंने कहा कि आज यंगस्टर्स लव और सेक्स को कैसे देखना चहता है, इसे समझने की जरुरत है. अनुराग ने फिल्म देव डी के जरिए इसी बात को समझने की कोशिश की थी.
Anurag's inspiration
अनुराग की फिल्मों को देखकर सबसे पहले खयाल आता है कि यह आदमी शायद गुरुदत्त से इंस्पायर है लेकिन खुद उनका कहना है कि वे साहिर लुधियानवी से प्रेरित हैं  वे कहते हैं कि फ़िल्म के ज़रिए वे बताना चाहते हैं कि कैसे छोटी-छोटी बातों पर राजनीति होती है. गुलाल में उन्होंने यही दिखाया.
Film connect
अनुराग कहते हैं कि जब वे 19-20 साल के थे तब इस बात को लेकर बेहद कंफ्यूज थे कि आखिर उन्हें लाइफ में करना क्या है.  बाद में थिएटर से जुड़ गए. फिर 1993 में गोवा में इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टीवल में 10 दिनों में लगभग 50 फ़िल्में देखी. इसका बाद उनके लाइफ ने यू टर्न लिया. बहुत कम लोगों को पता होगा कि वे लगातार 24 घंटे, 36 घंटे लिख सकते हैं. देव डी, सत्या जैसी सभी फ़िल्में उन्होंने एक झटके में ही लिखी हैं.


About Satya
सत्या की कहानी अलग है. अनुराग के शब्दों में सत्या उनके लिए फ़िल्म स्कूल थी.
About friends
अनुराग कहते हैं कि उनके कई अच्छे दोस्त हैं, जिसमें पीयूष मिश्रा, जॉन अब्राहम और लंदन में तुषार पटेल का नाम शामिल है.

Kalki and him
वाइफ कल्कि कोचलीन के साथ अपनी रिलेशनशिप को लेकर वह कम ही बात करते हैं. इस रिलेशनशिप में थोडी शैतानी, थोडी नॉटीनेस है. पर्सनल लाइफ और रील लाइफ में घालमेल करने में वह कम ही यकीन करते हैं. फिर भी सिनेमा के परदे पर रिश्तों का ताना बाना बुनते हुए उसकी झलक मिल जाती है. 

The interview is based on twitter exchanges with Anurag Kashyap

Posted By: Kushal Mishra