भारतीय रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को राज्‍यसभा में यह बताया कि भारतीय सेना में तकरीबन 600 सैन्‍यकर्मियों ने आत्‍महत्‍या से अपनी जान दी है. इस स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने कुछ कदमों को उठाने पर विचार किया है.


खोया 600 सैनिकों को डिफेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने कहा कि सैन्य सेवाओं में आत्महत्याओं के तकरीबन 600 मामले सामने आए हैं. इनमें वर्ष 2009 से 2013 तक तीनों सेना के 597 सैन्यकर्मियों ने ड्यूटी के समय आत्महत्या की. इनमें से भारतीय वायूसेना ने अपने 83 जवान को आत्महत्याओं में खो दिया. गौरतलब है कि सेना के 498 सैनिकों ने और 16 नौसैनिकों ने सुसाइड किया. इसकें संदर्भ में डिफेंस मिनिस्टर ने कहा कि इन्हीं पांच सालों में 2,215 अफसरों ने समय वीआरएस के लिए अप्लाई किया. हालांकि इनमें से सिर्फ 1,349 मामलों में समय पूर्व सेवा निवृति की रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट किया. इसके बाद उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में 116 रक्षाकर्मियों की सुसाइड के मामले सामने आए. सेना में भी लांएगे अच्छे दिन
डिफेंस मिनिस्टर ने कहा कि सरकार इन आंकड़ो को ध्यान में रखकर सैन्यकर्मियों के लिए उपयुक्त माहौल बनाने के लिए कई कदम उठा रही है. इन कदमों से सैन्यकर्मी बिना किसी मानसिक तनाव के देश सेवा कर पाएंगे. इसके बाद रक्षामंत्री ने बताया कि सैन्यकर्मियों के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, बेसिक नीड्स को पूरा करना और छुट्टियों की उचित व्यवस्था करने के बारे में बताया है. इसके साथ जेटली ने बताया कि सरकार शिकायत सुधारीकरण तंत्र और योगा मेडिटेशन जैसी फैसिलिटीज देने की कोशिश कर कही है्. गौरतलब है कि भारत में सैन्यकर्मी छुट्टियों को लेकर काफी परेशान रहते हैं. इसलिए सरकार सैनिकों के लिए भी अच्छे दिन लाने की पुरी कोशिश करती दिख रही है.

Posted By: Prabha Punj Mishra