देश की सर्वोच्‍च अदालत ने मौत की सजा के मामले में एक क्रांतिकारी फैसला लिया. कोर्ट ने कहा कि आगे से मौत की सजा पर पुर्नविचार की याचिकाओं पर सुनवाई बंद कमरों की बजाए खुली अदालतों में होगी.


फांसी पर पुर्नविचार होगा खुली अदालतों मेंसुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक मौत की सजा के मामले की सुनवाई करते हुए एक अहम फैसला लिया. इस फैसले में कोर्ट ने कहा कि अब से मौत की सजा पर पुर्नविचार वाले मामलों की सुनवाई बंद कमरों में नही होगी. इसके बजाए अब कोर्ट ऐसे मामलों में खुली अदालतों में अपना फैसला सुनाएगी. गौरतलब है कि इससे पहले ऐसे मामलों में जज अपने चैंबरों में ही सुनवाई करते थे और निर्णय लेते थे. कैसे कायम होगा नया फैसला


अदालत ने कहा है कि फांसी की सजा प्राप्त व्यक्ति अपनी सजा के पुर्नविचार याचिका के कैंसल होने के बाद एक महीने के अंदर ही मामले को री-ओपन कराने की मांग कर सकती हैं. हालांकि यह फैसला सिर्फ उन लोगों पर लागू होगा जिन्होनें फांसी की सजा मिलने के बाद क्यूरेटिव एप्लीकेशन दायर नही की है. इसके साथ ही यह उन दोषियों पर भी लागू होगी जिनकी याचिका एक महीने की भीतर रिजेक्ट कर दी गई है. आरएम लोढ़ा की बैंच ने सुनाया फैसला

यह फैसला चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बैंच ने लिया. गौरतलब है कि कोर्ट लालकिले पर हमले के आरोपी मोहम्मद आरिफ और मुंबई हमले के आरोपी याकूब अब्दुल रज्जाक समेत छह दोषियों की सुनवाई के दौरान यह फैसला लिया.

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Posted By: Prabha Punj Mishra