- कूड़ा फेंक रहे लोगों पर निगरानी के लिए लगाया सीसीटीवी कैमरा

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कभी कूड़े वाली गली के नाम से बदनाम हो चुकी मालगोदाम रोड स्थित सिविल लाइंस की गली नंबर 164 स्वच्छता की मिसाल पेश कर रही है। मोहल्ले वालों के सामूहिक प्रयास का असर है कि गलियों में कचरा नहीं दिखता है। वॉल पेंटिंग के जरिए पब्लिक को कचरा न फेंकने के लिए अवेयर किया गया है। सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया है। ताकि, कचरा फेंकते हुए कोई दिखे तो उसे मना किया जा सके। इतना ही नहीं टूटी सड़कों को चंदा इकट्ठा कर दुरुस्त करा दिया।

बुजुर्गो की मेहनत रंग लायी

गली नंबर 164 के मुहाने पर एक महीना पहले तक कचरे का ढेर लगता था। पूरे दिन यहां कचरा पड़ा रहता था, जिससे उठ रही दुर्गध से आते-जाते लोगों का दम घुटने लगता था। इस जगह आसपास के सभी होटलों से लेकर हॉस्पिटल का भी कचरा उनके कर्मचारी फेंक जाते थे। कचरा फेंकने में मोहल्ले वाले भी पीछे नहीं थे। आखिरकार बुजुर्गो ने मोहल्ले को स्वच्छ बनाने का फैसला लिया। इसके लिए उन्होंने एक कमेटी का गठन किया। फिर मीटिंग्स में स्वच्छता की इबारत लिखी गई।

किराए पर सफाईकर्मी

मोहल्ले में कचरा उठाने के लिए वैसे तो डोरटूडोर का सफाईकर्मी आता था, लेकिन हफ्ते दो-तीन दिन गायब ही रहता था, जिससे मोहल्ले वाले भी कचरा सड़क पर ही फेंक देते थे। स्वच्छता मिशन के तहत मोहल्ले की कमेटी ने किराए पर सफाईकर्मी रखा, जो हर रोज न सिर्फ घरों का उठाता है। बल्कि गलियों में झाड़ू लगने के साथ ही नालियों की भी सफाई होती है। मोहल्ले के सभी घर से 100-100 रुपए सफाईकर्मी को मिलते हैं। इस तरह छोटी से पहले से पूरा मोहल्ला नीट एंड क्लीन हो गया।

सीसीटीवी कैमरा से लोगों पर निगरानी

कचरा फेंकने वालों पर नजर रखने के लिए चंदा लगाकर मोहल्ले वालों ने सीसीटीवी कैमरा भी लगवाया है, जिससे गली में गंदगी करने वाले भी पकड़े जाने से डरने लगे हैं। मोहल्ले का हर व्यक्ति सफाई के प्रति खुद को जिम्मेदार मानते हुए आते-जाते यदि कोई गंदगी करते हुए दिख जाता है तो उसे टोक देता है।

एक दिन सरन हॉस्पिटल के कर्मचारी ने कूड़ा फेंक दिया। सीसीटीवी कैमरे से पहचान कर मैं डॉक्टर सरन के पास पहुंच गई और कचरा फेंकने की शिकायत की, जिसके बाद डॉक्टर सरन ने अपने कर्मचारियों को कचरा उठाने और दोबारा ऐसी हरकत न करने के लिए कहा।

ऊषा टंडन

यह इलाका डलाव घर के नाम से जाना जाता था। लोगों ने स्वयं पहल कर क्षेत्र में कूड़े की समस्या से निजात दिलाया। पहले आने वाले दोस्त रिश्तेदार भी मोहल्ले के मुहाने पर कचरे के ढेर को देखकर टोक देते थे। कई, रिश्तेदार तो गंदगी से उठती दुर्गध के चलते आना बंद कर दिए थे।

संजय शर्मा

मोहल्ले वालों ने स्वयं सफाई की जिम्मेदारी लेकर गली से कूड़े का निस्तारण किया। सीसीटीवी कैमरे से कूड़ा व गंदगी कर रहे लोंगों पर निगरानी की जा रही है। आज देखकर खुशी होती है कि उनका मोहल्ला साफ-सुथरा है। ऐसे ही, पहल करके शहर के दूसरे हिस्सों को भी स्वच्छ बनाया जा सकता है।

सोनाक्षी टंडन

स्वच्छता के बने प्रहरी

विनोद कुमार टंडन बैंक ऑफ बड़ौदा से वर्ष 2000 में रिटायर हुए थे। मोहल्ले की गंदगी को देखकर उनका मन दुखी होता था, लेकिन वह मनमसोस कर रह जाते थे। एक दिन गंदगी को लेकर मन में गुस्सा पैदा हुआ। फिर क्या था मोहल्ले वालों को एक प्लेटफॉर्म पर लाये। बदलाव के लिए पहले खुद रुपए खर्च किए, जिसके बाद मोहल्ले वालों ने भी सहयोग के लिए हाथ बढ़ाया।

Posted By: Inextlive