असेंबली इलेक्शन: एग्जिट पोल में दिखा 'PM मोदी इफेक्ट', दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार
समर्थन की जरूरत नहीं पड़ेगी
महाराष्ट्र व हरियाणा में भारी मतदान व एग्जिट पोल नतीजों से उत्साहित बीजेपी दोनों राज्यों में अपनी सरकार बनने को लेकर आशान्वित है. पार्टी नेतृत्व का दावा है कि दोनों राज्यों में उसे पूर्ण बहुमत मिलेगा और किसी भी दल से समर्थन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. गौरतलब है कि विस चुनावों के नतीजे रविवार को आयेंगे, लेकिन पार्टी में दोनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों के नामों की चर्चा शुरू हो गई है. रविवार शाम को ही बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठकें होंगी, जिसमें नये मुख्यमंत्री पद का फैसला हो सकता है. महाराष्ट्र में प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र फड़नवीस का नाम सबसे आगे है जबकि हरियाणा में पार्टी गैर जाट नेता के नाम पर मुहर लगा सकती है.
गठबंधन टूटने के बाद सफलता
केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व में अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद बीजेपी ने महाराष्ट्र व हरियाणा के विधानसभा चुनाव को बड़ी चुनौती के रूप में लिया था. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति के लिये भी यह निर्णायक है क्योंकि उन्होंने दोनों राज्यों में गठबंधनों को तोड़कर चुनाव लड़ने का बड़ा फैसला लिया था. जबकि विभिन्न राज्यों में हुये उपचुनाव में बीजेपी को झटके लगे थे. पार्टी ने हर विधानसभा क्षेत्र से जो जानकारी हासिल की है, उससे उसे दोनों राज्यों में स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना है.
महाराष्ट्र में फड़नवीस का नाम सबसे आगे
इसके साथ ही पार्टी में भावी मुख्यमंत्री पद के लिए भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं. महाराष्ट्र में प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र फड़नवीस पहली पसंद है. हालांकि प्रदेश की मराठा दबदबे वाली राजनीति में फड़नवीस के ब्राह्मण वर्ग से आने के कारण कुछ नेता खिलाफ हैं. उनके अलावा मराठा वर्ग से आने वाले विनोद तावडे व मौजूदा विधानसभा में विपक्ष के नेता एकनाथ खड़से के नाम भी चर्चा में है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व प्रकाश जावडेकर के नामों की भी चर्चा है. हालांकि गडकरी खुद ही मना कर चुके हैं.
हरियाणा में होगा गैर जाट
हरियाणा में पार्टी के पास ऐसा कोई बड़ा नेता नहीं है जो इस पद का प्रबल दावेदार हो. ऐसे में राज्य के जाट व गैर जाट समीकरणों में पार्टी गैर जाट नेता पर दांव लगा सकती है. जिन नामों की चर्चा है उनमें गैर जाट समुदाय से राम विलास शर्मा, अनिल विज, मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर व राव इंद्रजीत सिंह शामिल है. जाट नेताओं में चौधरी वीरेंद्र सिंह व कैप्टन अभिमन्यु का नाम प्रमुख है.
गठबंधन राजनीति से परहेज नहीं
इस बीच पार्टी नेतृत्व ने यह भी साफ कर दिया है कि अपने दम पर चुनाव जीतने के बाद भी भाजपा विभिन्न दलों के साथ गठबंधन कायम रखेगी. भाजपा नहीं मानती है कि इस तरह के परिणाम देश में गठबंधन राजनीति के समाप्ति के संकेत है. पार्टी का यह भी मानना है कि इन नतीजों से उसके विरोधी गठबंधन बनेंगे, लेकिन वह उनका भी सफलता पूर्वक सामना करेगी, क्योंकि देश की जनता उनका साथ दे रही है तो बेहतर प्रदर्शन करेंगे.