मंहगाई की पहली मार रेल किराये पर पड़ने के बाद मोदी सरकार ने कई और नये झटके देने की तैयारी कर ली है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे अब एक सपने जैसे लगने लगे हैं.ये नई सरकार महंगाई का नया रूप लाने की तैयारी में है.भारतीय रेल के इतिहास की सबसे बड़ी बढ़ोतरी के एलान के बाद सरकार ने आम आदमी की रसोई पर निगाह गड़ाई है.आगामी बजट में एलपीजी सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी की घोषणा की जा सकती है.पेट्रोलउर्वरकसिगरेट और हवाई यात्रा की कीमतें भी अपने'अच्छे दिनों'का इंतजार कर रही हैं. अब इनके अच्‍छे दिन कब तक रहते हैं यह बजट पेश होने पर पता लग जाएगा.


एमएसटी में होगी दोगुनी बढोतरीरेलवे के अनुसार अब सेकंड क्लास मासिक पास के लिए यात्रियों को दोगुना भुगतान करना होगा.जो  किराया पहले 15 सिंगल यात्रियों के बराबर लिया जाता था वहीं अब उसके लिए 30 यात्रियों के बराबर पैसे देने होंगे.फर्स्ट क्लास पास के लिए सेकंड क्लास के पास का चार गुना भुगतान करना होगा.  एमएसटी के लिए किराये का यह आकलन बढ़ी हुई दरों के आधार पर ही किया जाएगा.मालभाड़े की दर बढने से आएगी महंगाई की सुनामी


मोदी सरकार ने माल भाड़े में बढ़ोतरी भी घोषणा की है.मालभाड़े में 25 जून से 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला लिया गया है.इसके साथ ही कम दूरी (100 किमी) के भाड़े पर मिलने वाली छूट को खत्म कर दिया गया है.रेलवे ने न्यूनतम दूरी की सीमा भी 100 किमी से बढ़ाकर 125 किमी कर दी है.माल भाड़े में हुई इस बढ़ोतरी से आम आदमी को काफी कुछ झेलना होगा,जिसका शुरूआती असर सीधे जेब पर पडेगा.माल भाडे के बढ़ने से सब्जियों,फलों और खाद्य पदार्थों की ढुलाई महंगी हो जाएगी.इसके ‌अतिरिक्त स्टील,लौह अयस्क,और कोयला समेत कई महत्वपूर्ण चीजों के दाम भी बढ़ सकते हैं.  मंत्रीजी का वादा कितना होगा सच

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण तेल कंपनियां पेट्रोल के दाम बढ़ाने का विचार कर सकती हैं.जिसमें एक से डेढ़ रुपये के करीब बढ़ोत्तरी का अनुमान है.हालांकि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने फिलहाल स्थिति को पूरी तरह नियंत्रित बताते हुए पेट्रोल,डीजल या रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि से इनकार किया है.इराक में संकट के बादल छाने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 106 डॉलर से बढ़कर 112 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है.  एक्सपर्ट की राय में बढ़ेंगे पेट्रोल के दाममंत्री जी कुछ भी कहे परंतु एक्सपर्ट का कहना है कि अगर डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 60 के स्तर पर रही,तो कच्चे तेल की कीमत में प्रति बैरल एक डॉलर की बढ़ोतरी होने पर पेट्रोल का दाम 30 पैसे बढ़ाना पड़ेगा.ऐसे में पेट्रोल के दाम 1.50 रुपये बढ़ने की आशंका है.अगर कच्चे तेल की कीमतें में इस तरह इजाफा होता रहा तो तेल कंपनियों को पेट्रोल के दाम इससे ज्यादा भी बढ़ाने पड़ सकते हैं. वहीं,कच्चा तेल महंगा होने से डीजल की कीमतों में होने वाली 50 पैसे की मासिक मूल्य वृद्धि लंबे समय तक जारी रह सकती है. स्टील तो होगी और कठोर

रेल माल भाड़े में हुई 6.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी का असर अन्य वस्तुओं पर भी पड़ेगा. इसका सबसे पहला असर स्टील पर पड़ेगा.इस वजह से बाजार में स्टील के दाम में 600 रुपये प्रति टन की वृद्धि हो सकती है क्योंकि उन्हें कच्चे उत्पाद के ट्रांसपोर्ट पर अब ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा.रेल माल भाड़े में बढ़ोतरी की वजह से उर्वरक सब्सिडी बिल में भी 200 करोड़ रुपये सालाना की वृद्धि होगी.हर साल 44 मिलियन टन उर्वरक के ट्रांसपोर्टेशन में 80 फीसदी रेल के माध्यम से ही भेजा जाता है.सरकार ने अंतरिम बजट में उर्वरक सब्सिडी 67,970 करोड़ रुपये रखी है.  चूल्हे की आग और होगी गर्ममोदी सरकार नए बजट में एलपीजी सिलेंडर की कीमतें बढ़ाने की घोषणा कर सकती है.माना जा रहा है कि सिलेंडर की कीमतों में 10 रुपये मासिक की दर से बढ़ोतरी की जाएगी.फिलहाल इस समय  सब्सिडी सहित एक सिलेंडर की कीमत 414 रुपये है और बिना सब्सिडी के 905 रुपये.अब अगर मोदी सरकार 7,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी में कटौती करती है तो ऐसे में प्रति सिलेंडर 10 रुपये मासिक वृद्घि तय मानी जा रही है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh