RESEARCH: Internet बना लोगों का main source of memory


इंटरनेट की वजह से आज पूरी दुनिया बस कुछ ही सेकेंड्स में सिमट कर रह गई है. लेकिन अब इसी इंटरनेट की वजह से ह्यूमन ब्रेन बहुत कमजोर होता जा रहा है. एक नई स्टडी की मानें तो अब लोग किसी भी इंफॉर्मेशन के बारे में अपने दिमाग की बजाय इंटरनेट का सहारा लेने लगे हैं. इस स्टडी के मुताबिक अगर किसी को कुछ भी पता करना होता है तो वो अपने दिमाग में स्टोर इंफॉर्मेशन की बजाय बस इंटरनेट पर क्लिक करने लगता हैं. Blogging the mind


इस स्टडी के मुताबिक स्मार्टफोन और लैपटॉप के दौर में लोग अब इंटरनेट को एक्सटर्नल मेमोरी की तरह यूज करने लगे हैं. अमेरिका की तीन लीडिंग यूनिवर्सिटीज, हारवर्ड यूनिवर्सिटी, वाइसकॉन्सिन-मैडीसन यूनिवर्सिटी और कोलंबिया यूनिवर्सिटी की ओर से इस थ्योरी को सही साबित करने के लिए चार टेस्ट्स किए गए. ये चार टेस्ट्स इस तरह से थे-

•पहले टेस्ट में पार्टिसिपेंट्स को एक ट्रिविया क्विज दी गई. इस क्विज में चेक किया गया कि क्या पार्टिसिपेंट्स कंप्यूटर रिलेटेड वड्र्स को बाकी वड्र्स के कंपैरिजन में तेजी से पहचान पाते हैं? •दूसरे टेस्ट में चेक किया गया कि क्या पार्टिसिपेंट्स 40 इंफॉर्मेशन के बारे में याद रख पाते हैं?

•तीसरे और चौथे टेस्ट में यह चेक किया गया कि पार्टिसिपेंट्स को यह कितनी बेहतरी से याद रहता है कि उन्हें ऑन लाइन इंफॉर्मेशन कहां से मिलेगी और क्या उन्हें एक्चुअल डाटा के कंपैरिजन में लोकेशन के बारे में ज्यादा पता रहता है? Google पर depend इस स्टडी के रिजल्ट्स के मुताबिक किसी भी पार्टिसिपेंट ने इंफॉर्मेशन के बारे में कुछ भी पता करने के लिए दिमाग पर जरा भी जोर नहीं डाला. उन्होंने तुरंत ही इंटरनेट का सहारा लेना शुरू कर दिया. स्टडी में रिसर्चर्स ने गूगल को एक ऐसी जगह के तौर पर बताया है जहां से बस कुछ ही सेकेंड्स में सारी इंफॉर्मेशन आसानी से मिल जाती है. रिसर्चर्स के मुताबिक आज सभी के पास 24 घंटे इंटरनेट एक्सेस है और ऐसे में यह याद करना काफी मुश्किल है कि इंटरनेट के पहले लोग इंफॉर्मेशन कैसे कलेक्ट करते थे.Google calenderगूगल का यह टूल यूजर के हर खास मौके को याद रखता है और ऐसे में उसे कुछ याद  रखने की जरूरत ही नहीं है.Google docs
यह हर इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट और फाइल को सेव करता है. जरूरत पडऩे पर कुछ ही सेकेंड्स में आपके डॉक्यूमेंट्स हासिल हो जाते हैं. आपको यह भी चिंता करने की जरूरत नहीं कि आपने कहां पर डॉक्यूमेंट्स सेव किए थे.Google readerअपने फोन पर आरएसएस के जरिए किसी भी ऐसी साइट के बारे में इंफॉर्मेशन हासिल कर सकते हैं जहां पर आप जाना पसंद करेंगे.Google translatorगूगल न केवल वर्ड बल्कि पूरे पेज को ऑटोमैटिकली ट्रांसलेट कर डालता है. साथ ही किसी भी वर्ड की स्पेलिंग और उसके उच्चारण को भी चेक किया जा सकता है.Google search7कुछ भी इंफॉर्मेशन हासिल करनी हो, बस सर्च बार में उस वर्ड को टाइप कीजिए आपको डिटेल इंफॉर्मेशन हासिल हो जाएगी.Google imagesअगर आप कोई लैंडमार्क या फिर पेंटिंग का नाम याद नहीं कर पा रहे हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं है. अपने स्मार्ट फोन से फोटोग्राफ क्लिक करिए और गूगल आपकी इस चिंता को दूर कर देगा.Google mapsआपके मोबाइल पर मिलने वाली इस एप्लीकेशन के जरिए आप किसी भी लोकेशन या एड्रेस की इंफॉर्मेशन बस कुछ ही सेकेंड्स में हासिल कर सकते हैं.

इंटरनेट के पहले हमारे पास इंफॉर्मेशन कलेक्ट करने के लिमिटेड रिसोर्स होते थे और इन्हीं के जरिए इंफॉर्मेशन कलेक्ट की जाती थीं.विजुअल मेमोरी को यूज करते हुए हमे वो रास्ते मिलते थे जिनके जरिए हम यह याद रखने की कोशिश करते थे, कि हम क्या जानना चाहते हैं.अगली दफा जब वह इंफॉर्मेशन हमें नहीं मिल पाती तो हम इसे याद करने की कोशिश करते हैं.Present(without Google)

इंटरनेट की वजह से अब हर चीज एक ही क्लिक पर मौजूद है. जो इंफॉर्मेशन चाहिए होती है उसे बस एक क्लिक पर ही हासिल कर लेते हैं.क्योंकि सर्च इंजन हर घंटे हमारे पास मौजूद रहता है तो ऐसे में हम इंफॉर्मेशन को दिमाग में स्टोर ही नहीं करते.हम उसे याद करने की कोशिश नहीं करते हैं बल्कि यह सोचते हैं कि ऐसी कौन सी जगह है जहां से हम उस इंफॉर्मेशन को हासिल कर सकते हैं.

Posted By: Surabhi Yadav