आम चुनावों की घोषणा के साथ ही भारत के निर्वाचन आयोग ने आगामी चुनाव के लिए कई ख़ास प्रावधान किए हैं.


लोक सभा चुनाव की मतदाता सूची में मतदाताओं की तस्वीर भी रहेगी. आयोग के अनुसार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को फ़ोटोयुक्त मतदाता सूची भेजी जा रही है. 98.64 फ़ीसदी मतदाताओं की फ़ोटोयुक्त मतदाता सूची छापी जा चुकी है.चुनाव आयोग का कहना है कि 95.64 फ़ीसदी मतदाताओं को फ़ोटोयुक्त चुनाव पहचान पत्र दिया जा चुका है. इसका इस्तेमाल सिर्फ़ पहचान पत्र के रूप में प्रयोग किया जाएगा.मतदाता सूची में नाम न होने पर मतदाता मतदान नहीं दे सकेगा.चुनाव के सभी महत्वपूर्ण अवसरों की वीडियोग्राफ़ी की जाएगी. ज़िला चुनाव अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि पर्याप्त वीडियो और डिजिटल कैमरा और कैमरा टीम उपलब्ध रहे.आयोग के अनुसार नामांकन, उसकी जाँच, चुनाव चिन्ह का आबंटन, एफएलसी, ईवीएम मशीन को तैयार करने और रखने का वीडियो बनाया जाएगा. आम सभाओं, चुनावी रैलियों की भी रिकॉर्डिंग की जाएगी.वीडियो बनाना ज़रूरी


आयोग ने विधानसभा चुनावों में प्रत्याशियों के खर्च की सीमा भी तय की है. बड़े राज्यों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए यह सीमा 28 लाख रुपए और अन्य राज्यों एवं केंद् रशासित प्रदेश पुडुचेरी के लिए 20 लाख रुपए तय की गई है.

नई सीमा के अनुसार आंध्र प्रदेश और ओडिशा में खर्च की सीमा 28 लाख रुपए होगी और सिक्किम में 20 लाख रुपए होगी. इन राज्यों में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.प्रत्याशियों के निजी चुनावी खर्च में पार्टी के बड़े नेताओं और स्टार प्रचारकों के दौरों में होने वाला खर्च शामिल नहीं होगा. लेकिन सभी प्रत्याशियों को ऐसे नेताओं और स्टार प्रचारकों की सूची चुनाव की अधिसूचना जारी होने के सात दिन के अंदर चुनाव आयोग और संबंधित राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त को देनी होगी.सभी राजनीतिक दलों को अपने प्रत्याशियों के चुनाव संबंधी सभी तरह के खर्चों का दैनिक ब्यौरा रखना होगा. राजनीतिक दलों को लोकसभा चुनाव के 90 दिन के अंदर और विधानसभा चुनाव के 75 दिन के अंदर खर्च का पूरा ब्यौरा चुनाव आयोग को देना होगा. यह चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा.

Posted By: Subhesh Sharma